देश हमर अछि गुण केर खान
विश्व भरिमे अछि विद्वान
मधुर मधुर ॠतुराजक गान
भौंरा गुनगुन सुनियोजित तान
जय माँ भारती जय विज्ञान
फागुनमे रंग कादोक खेल
छुटबए शीत वसंतक मैल
भोजनमे हो नीम प्रयोग
सालो भरि लेल काया निरोग
जय मां भारती जय विज्ञान
अध्यात्म संगमे योगक ज्ञान
विश्वकें देलहुँ स्वास्थ्यक दान
सूर्यनमस्कार कर जोड़ि प्रणाम
करोनो धरिकें छोड़ाओल घाम
जय मां भारती जय विज्ञान
बैशाखमे करी शीतल स्नान
स्वास्थ्यक सदिखन रखने ध्यान
शीत भोजन संग गंगास्नान
जलाशय केर सफाइक ज्ञान
जय मां भारती जय विज्ञान
बरखाॠतुमे साग ने खाइ
उदरकें क्रिमिमुक्त बनाइ
पएरे चलि कए मंदिर जाइ
निरोगी काया मुखमे पान
जय मां भारती जय विज्ञान
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चंदना दत्त मैथिली साहित्यिक, शिक्षिका ओ चित्रकार छथि. कतेको पत्र-पत्रिका मे हिनक कथा, कविता, शोधपत्र, आलेख आदि प्रकाशित छनि. अनेक साझा संग्रह मे हिनक रचना कें स्थान देल गेल छनि. हिनक एकटा मैथिली कथा संग्रह 'गंगास्नान' प्रकाशित छनि. हिनका डॉ. महेश्वरी सिंह महेश ग्रंथ पुरस्कार सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान सं विभूषित कएल गेल छनि. चंदना दत्त कें शिक्षण क्षेत्र मे महत्वपूर्ण योगदान लेल राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार सं सेहो सम्मानित कएल गेल छनि जे गौरवक बात अछि.
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