राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर (एनआरसीएल) द्वारा लीची उत्पादक किसान लोकनि कें बाग प्रबंधन केर ट्रेनिंग देल जएबा पर विचार भेल अछि. एहि खेपक लीची केर फसल खत्म भेलाक बाद प्रशिक्षण सत्र शुरू कएल जाएत. जाहि मे विज्ञानी मृदा सं ल’ गाछक सुरक्षा चक्र पर अलग-अलग मौसम अनुसार जानकारी देल जाएत. कोरोना संकट कें देखैत प्रशिक्षण कार्यक्रम वर्चुअल होएत. स्थिति सामान्य भेला पर किसान एनआरसीएल आबि जानकारी ल’ सकै छथि.
प्रशिक्षण केर पहिल चरण मे मुजफ्फरपुर, वैशाली, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर सहित आनोआन जिलाक किसान लोकनि कें जोड़ल जाएत. बाद मे उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मिजोरम आ नगालैंड केर किसान लोकनि सेहो एहि ट्रेनिंग सं लाभान्वित होएताह. शाही लीची केर डिमांड कें देखैत एकर गुणवत्ता आ उत्पादन बढ़एबाक योजना बनाओल जा रहल अछि. महानगर सहित विदेश धरि लीची केर मांग लगातार भ’ रहल अछि. दरभंगा एयरपोर्ट सं सेहो कइएक टन लीची देश-विदेश गेल अछि. एहना मे एकर खेती आ व्यापार केर स्कोप बढ़ल जा रहल अछि.
एनआरसीएल केर निदेशक डॉ. एसडी पांडेय मीडिया सं बात करैत कहलनि जे एहि सालक लीची जखने समाप्त होएत किसान लोकनि कें सबसं पहिने गाछक कटाइ-छंटाइ, पात आ खोइंचा केर निस्तारण हेतु उपाय बताओल जाएत. तकर बाद बाग केर जोताइ, सिंचाइ आ उचित खाद संबंधी जानकारी देल जाएत. नव किसान लोकनि कें बाग लगएबाक जानकारी देल जाएत.
एम्हर लीची गाछक सेहो खूब मांग देखल गेल अछि. उत्तर प्रदेश केर मेरठ सं छह हजार, नगालैंड आ मिजोरम सं तीन-तीन हजार संगहि पश्चिम बंगाल सं 600 गाछक मांग आएल अछि. अगस्त धरि गाछक सप्लाइ कएल जेबाक संभावना छै. पछिला लॉकडाउन मे लगभग 10 हजार गाछ सहारनपुर, देवबंद, मुरादाबाद आ बरेली पठाओल गेल छल.
बिहार लीची उत्पादक संघ केर अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह कहलनि जे पछिला साल 70 सं 80 टन लीची केर उत्पादन भेल छल. एहि सं लगभग 200 करोड़ केर कारोबार भेल छल. एहि बेर लगभग 50 टन उत्पादन भेल अछि मुदा मांग बढ़ने बाजार भाव तेज अछि. एहि बेर लगभग 300 करोड़ धरि कारोबार होएत एहन अनुमान अछि.
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