बीज भाषण करैत साहित्यकार-सम्पादक अजित आजाद मैथिली भाषा मे पूंजी निवेशक जरूरति पर जोर देइत कहलनि जे वेब पत्रकारिता माध्यम सं आम जनमानस केर विश्वास कें जीतबा मे मैथिली मीडिया सफल रहल अछि. कार्यक्रम केर अध्यक्षता करैत उदय चंद्र झा ‘विनोद’ कहलनि जे मैथिली पत्रकारिता केर शुरुआत 1905 सं भेल आ वर्तमान समय मे दैनिक समाचारपत्र आ टेलीविजन केर आवश्यकता महसूस कएल जा रहल अछि.
दोसर सत्र मे ‘मीडिया आ साहित्य’ विषय पर आलेख पढ़ल गेल. एहि सत्र केर अध्यक्षता करैत विभा रानी कहलनि जे भाषा आ साहित्यक विकास मे मीडियाक भूमिका सर्वोपरि अछि. ओ पठित आलेख सब पर सेहो अपन टिप्पणी देलनि. आलेख पढ़ैत पत्रकार विनीत उत्पल कहलनि जे ‘मीडिया आ साहित्य’ मध्य गहींर सम्बन्ध अछि आ दुनू समाजक उत्थान मे समर्पित अछि.
साहित्यकार-पत्रकार सच्चिदानंद सच्चू मैथिली मीडियाक साहित्यिक दृष्टिकोण पर अपन बात रखलनि. ओतहि युवा साहित्यकार-सम्पादक रूपेश त्योंथ मैथिली मीडिया केर वर्तमान स्थिति-परिस्थिति सहित समकालीन साहित्यक अपेक्षा ओ मैथिली मीडिया केर भूमिका पर विचार प्रस्तुत केलनि.
धन्यवाद ज्ञापित करैत डॉ. अशोक अविचल घोषणा केलनि जे एहि परिसंवाद मे आएल आलेख ओ संभाषण कें पुस्तक रूप मे प्रकाशित कएल जाएत. अकादेमी केर उप सचिव सुरेश बाबू कहलनि जे पूरा देश मे महामारी कारण सं लोक सब मे पीड़ा आ अवसाद अछि, एहन स्थिति मे एहि तरहक आयोजन सं सकारात्मकता केर संचार होइत अछि.
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