ई सिनेमा कलकत्ता सं शुरू होइछ आ काशी मे जा खतम होइत अछि. नवविवाहित जोड़ा कें ल’ जाइत नौका अन्हर-बिहाड़ि मे दुर्घटनाक शिकार होइछ. एहि एक घटना मे जे किछु छहोछित होइत अछि, तकरा समेटैत सिनेमा शेष होइत अछि.
रवीन्द्रनाथ ठाकुर केर उपन्यास पर आधारित एहि फिल्म मे देखबै जे कोना ग्रामीण अभिभावक आ शहरी अभिभावक केर दृष्टि मे अंतर रहै छै, विशेष क’ बियाह-दान कें ल’…कथानक सय साल सं बेसी पुरना समय मे ल’ जाइ छै, धरि चुम्बकीय आकर्षण धारण केने रहैछ. कथानक मे किछु नाटकीयता देखबा मे अबैछ जे एकरा अंतिम दृश्य धरि जाइत-जाइत दर्शक कें परिणाम धरि ल’ जएबा मे सहायक होइछ.
ऋतुपर्णो घोष केर निर्देशन मे बनल ई फिल्म साल 2011 मे रिलीज़ भेल छल. प्रोड्यूसर सुभाष घइ छलाह, से फिल्म हिन्दी मे सेहो उपलब्ध कराओल गेल छलै ‘कशमकश’ नामे.
रवीन्द्रनाथ केर उपन्यास नौकाडूबि सं आधार लेइत बॉलीवुड मे सेहो कएक बेर फिल्म बनाओल गेल अछि. धरि ऋतुपर्णो घोष केर ई सिनेमा बेर-बेर देखबा योग्य अछि जाहि मे बांग्ला सिनेमाक सुपरस्टार प्रसेनजीत, जीशु, रिया सेन, राइमा सेन मुख्य भूमिका मे छथि.
— रूपेश त्योंथ