वैश्विक महामारी कोरोना वाइरसक आगि चीनक वुहान शहर सं नवम्बर 2019 मे सुनगल आ विश्वक प्रायः देश मे पसाही लागि गेल. जाहि मे चीन, इटली, अमेरिका आ आओर देश मे असह्य जनधनक क्षति भेल आ भ’ रहल अछि. कोरोना वाइरस संक्रमणक दर अति तीव्र होएबाक कारण सं कोनो व्यक्ति द्वारा मार्च 2020 मे भारत देश सेहो संक्रमित भेल. भारत सरकार-स्थानीय सरकार द्वारा तरह-तरहक जांच-पड़ताल आ सुरक्षा हेतु पैघ-पैघ कदम उठाओल गेल. एकर पसार रोकबा लेल 15 मार्च सं स्कूल-कॉलेज बन्द कए देल गेल.
धियापुता सभ त’ छुट्टीक दिन बुझैत कूदए लागल छल. स्थिति बिगड़ैत गेलै, कोरोना सं दुखित लोकक संख्या बढ़ैत जाए रहल छलै. एहन भयावह स्थिति देखि भारतक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी 22 मार्च कें 9 बजे धरि ट्रायल रूप मे लॉकडाउन (जनता कर्फ्यू) लेल संकल्प लेलनि आ प्रायः सफलो भेल छल. लॉकडाउनक निर्णय वास्तविक मे अनिवार्य डेग छलै एहि कोरोनाक प्रसार कें रोकबा लेल. सोशल डिस्टेंस मेंटेन करबा लेल नीक पहल छलैक. मुदा ओहि लॉकडाउनक संग-संग जे रंग-बिरंगक उधबा सभ उठल, से किछु हास्यास्पद लगै बला क्षण सभ छल. ई उधबा सभ जे उठल तकरा कम्युनिकेशन गैप आ अति मुर्खतापूर्ण सेहो कहि सकैत छी.
जाहि अर्थ मे मोदीजी कहलनि ताहि सं इतरो अर्थ सभ लोक अपना हिसाबें लगा उत्सवी माहौल बना देलनि. ओहि दिन हमर गामक बड़की मैया कहलनि अपन छोट-छोट पोता-पोती कें जे रौ बौआ आइ मोदी कहलनि अछि ककरो नै निकलबाक छै. छत पर छौड़ा सभ खेलाए रहल छल. तराक्.. तराक्... दू चारि थापड़ मारि सभ कें दबारि भीतर जाइ लेल कहलनि. थापड़ खाइते सभ धियापुता घरक भीतर! एम्हर गामक छोटका बाबा पुछलनि अपन बेटा सं जे आइ त’ मालोजाल नै निकलतै? हुनका बेटा बुझबैत कहलनि जे नै-नै बाबू मालजाल बाहर निकलतै किए नै? रौ तोरा बुझल नै छौ आइ मोदी सभ किछु बन्द रखबाक लेल कहने छथि. तोरा सभ कें त’ किछु बुझले नै छौ!
हंसैत हुनकर बेटा कात जा भभा-भभा हंसए लागल. तहिना काज करैवाली भोरे पुछै लेल अंगना आबि गेल छल जे आइ खेनाइ नै ने बनतै? ओहि दिन 22 मार्च कें सांझ 5 बजे मे सभ कें साउंड वेभ उत्पन्न करबाक लेल मोदीजी द्वारा मौखिक आदेश देल गेलै. ई त’ साउंड वेभ उत्पन्न करबाक बात जनता लेल कोनो पैघ उत्सव सं कम नै रहै. हँ, साउंड वेभ सं बहुत रास वाइरस खतम भ’ जाइत छैक, जेना साइंस कहैत छैक. ओना मुख्य ध्येय छलनि मोदीजीक जे हम सभ ओहि कोरोनाक संकट सं उबारबा लेल ओहि संकटमोचन मनुक्ख सभक उत्साह बढ़ाबए लेल किछु एहेन कार्य करी. अपन जान-प्राण लगौनिहार डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस, प्रशासन लेल एतेक त’ कइये सकैत छलियैक. मुदा जखन 5 बजलै तखन जे स्थिति उत्पन्न भेलै ओ एकटा महाउत्सव सं कम नै छलैक.
ककरो हाथ मे शंख, ककरो हाथ मे घड़ीघंट, कियो घंटी ल’ त’ कियो विजयघंट लए त’ कियो थारी ल’, तेना बजाबए लगलै जे ठीके सत्यनारायण भगवानक पूजा सं कम नहि लागि रहल छलैए. हंसी त’ आओर बढ़ल जखन हमरे गामक मास्टर कक्का कें जखन किछु नै भेटलनि त’ ओ करूआ तेलक खलिया टीन पीटि-पीटि एहि अभियान कें सफल बनाबए मे अपन भागीदारी सुनिश्चित कइये क’ छोड़लनि. पूरा गाम मे तीन-चारिटा दल मे जुआन सभ, अपन-अपन हाथ मे पिपही, डिब्बा, टीन, थारी, बाटी ल’ घुमि-घुमि तेना बजा रहल छल जेना कोनो पैघ विजयक प्राप्तिक उदघोष हो! कोरोनाक खतरा घंटी जोर सं बाजए लगलैक. पुनः देशक प्रधानमंत्री 24 मार्च कें 8 बजे घोषणा कएलनि जे 24 मार्च कें 12 बजे रात्रि सं (25 मार्च) 14 अप्रील धरि पूर्ण लॉकडाउन हएत. ई खबरि सुनिते गामक दोकानदार सभ भोरे आंखि मिरिते सभ सामानक दाम एक चौठाइ बढ़ा देलक. लोक बोड़ा, झोड़ा लए सामान उघए लागल. तावत गामेक आदमी सभ बढ़ैत दाम देखि तमसा कए पुलिस कए बजा आनि लेलक.
पुलिस अबितै सभ दोकानदारक सीटी-पीटी गुम्म. जीप पर दोकानदार सभ कें बैसा थाना लए गेल. ओहि ठाम बाउंड बनबा सशर्त्त उचित दाम पर सामान बेचबा लेल छोड़ि देलक. आब गाम मे सामानक कालाबाजारी आ ओवरप्राइसिंग सँ लोक बचए लागल. आत्म सुरक्षाक स्थिति गाम मे एखनहुं बहुत नीक कहल जा सकैत अछि. प्रायः लोक अप्पन घरहि रहि नीक-नीकुत बना धियापुता, माता-पिता संग खाइत छथि. हँ...किछु गामोक लोक तेहेन पिंगिलपाढ़ होइत छथि जे किछु कहल नै जा सकैत अछि! परसू भोरे एक गोटा कान्ह पर कुड़हरि ल’ ललकैत जा रहल छलथि. ओ कहैत छलथि जे हम जाइ छी बाध अपन सुखाएल जारनि काटि कए अनै लए, मोदीक बापो हमरा नै रोकत. लोक सभ हुनक बात पर चौल करैत हंसी ठठा करैत छलनि. गाम मे किछु लोकक टीम सेहो बनि गेल एहि लेल, एहि कोरोना सम्बन्धी संकट सं उबरबाक लेल. गाम मे जागरूकता अभियान चलए लागल, लाउडस्पीकर सँ प्रचार होअय लागल. जे कियो परदेशी जओ गाम आबथि हुनका मिडिल स्कूल पर जाइ लेल कहल जाइत रहै, जे रहबाक व्यवस्था सरकार द्वारा कएल गेल छलैए. एक-एक नव व्यक्ति पर गामक लोक नजरि राखए लागल. गाम मे एहि संकट सं लड़बाक साहस शहर सं बेसी देखाइत अछि.
उधबाक क्रम समाप्त नै भेल छलै, पुनः मोदीजीक आह्वान भेलै जे 5 अप्रैलक 9 बजे राति मे 9 मिनट धरि दीप जराओल जाए. दीप जरब ओहुना नीक छैक, तिमिर पर इजोतक विजय हेबाके चाही. मुदा स्थिति तखन आओर हास्यास्पद भ’ गेलै जखन 9 बजलै आ शुरू भए गेलै महाउत्सवक तांडव. लोक अपन-अपन छत पर मोबाइलक लाइट चारू दिस चमकाबए लगलथि, कियो चार्जिंग लाइट सं आरती करए लागल, कियो फेर शंख फूकए, त’ कियो थारी बजबए, त’ कियो थारी पीटि-पीटि वातावरण कें तेहन बना देलक जे कोन फूलकुमारी एहि वातावरण मे नहि हंसैत! एहि बेर मात्र लाइट वेभ संग साउंड वेभक कमाल आओर जीवंतता दिस खीचि रहल छल. हद त’ तखन भए गेल जखन हमरा गामक एक गोटे अपन चार्जिंग लाइट बारि पूब ,मुंहें घुमि क’ विनय करब शुरू क’ देलनि.
एखन ई कोरोना ने जानि केहन दिन सब देखाएत. एहि देशक लोक कें ओहिना नै ने कहल जाइ छै, उत्सवधर्मी! कोरोना पर विजय सं पहिने हम सभ कए किस्त मना चुकल छी ‘कोरोना महाउत्सव’!
— नारायण झा