पहिल दशकक उल्लेखनीय आमद 'रूपेश त्योंथ'


रूपेश त्योंथ मैथिलीक सुपरिचित कवि, स्तम्भकार ओ सम्पादक छथि. हिनक मूल नाओ रूपेश कुमार झा छनि. ई मैथिली मे ‘नवकृष्ण ऐहिक’ पेननेम सं सेहो लिखैत छथि. हिनक रचना सभ पत्र-पत्रिका मे बरमहल प्रकाशित होइत रहैछ. हिनक जन्म मिथिलाक मधुबनी जिलान्तर्गत त्योंथागढ़ गाम मे 27 मइ 1989 कें भेल छलनि. 

वृत्ति सं आइटी प्रोफेशनल रूपेश आइ-काल्हि कलकत्ता प्रवास मे छथि तथा मैथिली क्रियाकलाप आ लेखन मे विगत दू दशक सं बेस सक्रिय छथि. रूपेश मैथिलीक लोकप्रिय पोर्टल मिथिमीडिया केर फाउंडर-एडिटर रूप मे सेहो बेस चर्चित रहल छथि.

भाषा-साहित्य मे हिनका नेनहि सं विशेष रुचि छलनि. जखन हाइस्कूल मे पढ़ैत छलाह त' मैथिली लेखन दिस डेग बढ़ओलनि. उच्च शिक्षा हेतु हिनका कलकत्ता आबए पड़लनि, जतय मातृभाषा प्रति हिनक अनुराग बेस संपुष्ट भेलनि. रूपेशक पहिल प्रकाशित रचना 'जागू आब' कविता अछि जे 'श्री मिथिला' पत्रिकाक साल 2006 केर एक अंक मे प्रकाशित भेल छल. एकर बाद हिनक रचना मैथिलीक कतिपय प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिका मे प्रकाशित होइत रहल अछि. 

एहि शताब्दीक पहिल दशकक महत्वपूर्ण रचनाकार रूप मे 'रूपेश त्योंथ' एकटा उल्लेखनीय हस्ताक्षर छथि. जहिना रबीन्द्रनाथ टैगोर कमे वयस मे लिखब शुरू केलनि त' छद्म नाम 'भानुसिंह' रखलनि. तहिना रूपेश बहुत दिन धरि 'नवकृष्ण ऐहिक' नामे लिखैत रहलाह जे साहित्य सर्किल मध्य एकटा मिस्ट्री बनल रहल छल. एहि कड़ी मे हिनक व्यंग्य स्तम्भ 'खुरचनभाइक कछमच्छी' ओ 'कागत पर कुश्ती' उल्लेखनीय अछि.

'खुरचनभाइक कछमच्छी' जखन दैनिक स्तम्भ रूप मे 'मिथिला समाद' मे छपैत छल त' ई ओहि अखबार केर सब सं लोकप्रिय स्तम्भ मे सं छल. एहि स्तम्भ कें ल' पाठक दिस सं मिथिला समाद कें सैकड़ो पत्र आ इमेल भेटल छल. जखन ई पोथी रूप मे सोझां आएल तखनो बिक्री केर स्थापित रिकॉर्ड कें ध्वस्त केलक. सैप्पीमार्ट एहि पोथी कें 'बेस्टसेलर' घोषित केलक. 'खुरचनभाइक कछमच्छी' मैथिलीक पोथी इतिहास केर 'पहिल बेस्टसेलर' रूप मे सेहो ख्यात अछि. 

रूपेश एखन धरि 500 सं अधिक व्यंग्य लिखि चुकल छथि जाहि मे सं अधिसंख्य पत्र-पत्रिका मे प्रकाशित भेल अछि. एहि अनुसारे एहि शताब्दीक सब सं बेसी व्यंग्य लिखनिहार युवा साहित्यिक त' छथिए, गद्य साहित्य मे सब सं बेसी योगदान देनिहार युवा साहित्यिक रूपें सेहो हिनक नाओ लेल जाइत अछि. रूपेश व्यंग्य साहित्य पर शोध काज मे संलग्न छथि संगहि हास्य सं फराक व्यंग्य कें विधा रूप मे प्रसार आ लेखन पर जोर देइत रहलाह अछि.

ओना त' रूपेश केर प्रकाशित-अप्रकाशित रचनादिक नमहर लिस्ट छनि, मुदा एतय ओहि सब रचना-पोथी केर उल्लेख अछि जे पब्लिक मे कोनो ने कोनो रूपें आबि चुकल अछि.

प्रकाशित पोथी   
एक मिसिया - कविता संग्रह
खुरचनभाइक कछमच्छी - व्यंग्य संग्रह
कनफुसकी - नाटक (मंचित)

प्रकाश्य पोथी  
अकासक ओहि पार - कविता संग्रह
पिया मोर बालक - नाटक
खुरचनभाइक छिलमिल्ली - व्यंग्य संग्रह
कागत पर कुश्ती - व्यंग्य संग्रह

सम्पादन 
झलक मिथिला - साप्ताहिक पत्र
मिथिमीडिया - मैथिली वेब पोर्टल 

सम्मान ओ पुरस्कार 
सीसीआरटी जेआरएफ अवार्ड - 2015
नवहस्ताक्षर पुरस्कार - 2017
नवआयाम प्रतिभा सम्मान - 2019
साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार - 2022

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Rupesh Teoth is an award-winning author, language activist, poet, columnist & an internet entrepreneur. He holds years of expertise in Digital Media and Product Development. He has the same proficiency in information technology, language, literature, and journalism.
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रूपेश मैथिली दैनिक मिथिला समाद सहित कतिपय पत्र-पत्रिका सं जुड़ल रहल छथि. ई मैथिली मे समाचार माध्यमक विकास हेतु तत्पर छथि. एतय ध्यान देबएबला बात ई अछि जे मैथिलीक प्रिंट पत्रकारिता सं ल' वेब धरि मे मैथिली पत्रकारिताक जे एकाध गिनल युवा स्तम्भ छथि, ताहि मे रूपेश प्रमुखता सं सोझां देखबा मे अबैत छथि.
  
रूपेश लेखन-संपादन सहित मैथिलीक कतिपय आयोजनक सहयोगी/संयोजक रहल छथि. 'वेब पत्रकारिता ओ मैथिली' विषयक संगोष्ठी (मिथिइवेंट 2014) जे कि मैथिली मे वेब पत्रकारिता पर पहिल संगोष्ठी छल, केर आयोजन सं एकटा नव पक्ष, नव दिशा मे विमर्श आ चिंतनक बाट फोललनि. आइ मैथिली पत्रकारिता हो आ कि भाषा-साहित्य केर प्रसार आ पाठक सब डिजिटल माध्यम पर मैथिलीक भविष्य देखैत छथि.

मैथिलीक धारावाहिक काव्य गोष्ठी 'अकासतर बैसकी' (2015) केर संकल्पना ओ पहिल सालक संयोजन सं रूपेश मैथिली मे गोष्ठी आयोजनक नबका ट्रेंड सेट करबा मे महत्वपूर्ण योगदान देलनि अछि. एहि गोष्ठीक देखा-देखी फुजल अकासतर देश-दुनिया मे कतेको मैथिली गोष्ठी शुरू भेल. एहि सं मैथिली भाषा मे लिखनिहार सैकड़ो युवा देखार भेलाह. एहन गोष्ठी मात्र रचना पाठ धरि सीमित नै भ' नव-नव प्रतिभा कें सोझां अनबा मे महत्वपूर्ण भूमिका निमाहलक. 

रूपेश अपना कें मात्र एक रचनाकार नहि बल्कि मैथिली कार्यकर्ता बुझैत छथि. भाषा-साहित्य लेल बहुत कम समय मे एहन काज सब केलनि अछि जकर दूरगामी प्रभाव सब देखबा मे आएल अछि आ अबैत रहत. रूपेश मिथिला-मैथिली हेतु विभिन्न अभियान ओ संस्था सभ सं जुड़ि कार्यरत छथि. समय-समय पर बतौर कवि, वक्ता साहित्यिक गोष्ठी व सेमिनार सब मे भाग लैत रहैत छथि. लेखन सहित मैथिली कार्यकर्ता रूपें हिनक क्रियाकलाप निरंतरता धएने अछि. मैथिली-मिथिला हेतु हिनक कटिबद्धता बनल अछि.

सम्पर्क सूत्र:
फेसबुक: facebook.com/rupeshteoth
ट्विटर: twitter.com/rupeshteoth
इमेल: rupeshteoth@gmail.com

(संकलित)
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