एखन आब दुनिया दुआरि पर आबि गेल अछि. घरे बैसल लोक कें सब सामान भेटि जाइछ. ऑनलाइन ऑर्डर करू आ अहांक घर धरि केहनो सामान पहुंचि जाएत. एतबे नै बाजार सं दू टाका सस्तो मे ऑनलाइन सामान भेटि सकैत अछि. तैं लोक कें धीरे-धीरे एहि व्यवस्थाक हिस्सक लागल जा रहल छै.
एकरा देखैत अपनेक जानकारी लेल बता दी जे जहिना लोक ऑनलाइन सामान कीनि रहल छथि, तहिना ठका सेहो रहल अछि. नकली सामान डिलीवरीक मामला बढ़ल जा रहल अछि. समाचार मे पढ़बा लेल भेटैत रहैछ जे लोक ऑर्डर किछु केलक आ डिलीवरी किछु भेटलैक. मुदा एतय ठकैती केर वस्तु-स्थिति सं अवगत करा रहल छी.
असल में, एक सर्वे में ई बात सोझां आएल अछि जे ऑनलाइन शॉपिंग केनिहार प्रत्येक तेसर व्यक्ति कें नकली सामान भेटैत अछि. फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, अमेज़न सन दिग्गज कंपनी सब पर सेहो नकली लगेजक आरोप लागल अछि. बेसी भाग नकली सामान परफ्यूम, स्पोर्ट्स गुड्स केर रहैछ.
ई सर्वे किछु दिन पूर्व लोकल सर्किल्स आ वेलोसिटी एमआर केलक अछि. दुनू सर्वे में कहल गेल अछि जे देश में ई-कॉमर्स स्पेस बढ़ल जा रहल छै, तथापि फेक प्रोडक्ट में सेहो बढ़ोतरी देखल जा रहल छै. एकरा नियंत्रित करब आवश्यक भ' गेल अछि. कारण सर्वे मे 12% लोक स्नैपडील, 11% अमेज़न आ 6% लोक फ्लिपकार्ट केर नाम लेलनि, जतय सं हिनका लोकनि कें नकली सामान डिलीवर कएल गेल छलनि.
एतबे कहब जे ऑनलाइन सामान कीनू मुदा कने सावधानी सं!
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