मधुबनीक विख्यात शिवतीर्थ कपिलेश्वर स्थानक प्रांगण मे मासिक चलन्त कविगोष्ठीक सतरहम बैसारक आयोजन बीतल रवि कें सफलतापूर्वक सम्पन्न भेल. स्थानीय कवि अवधेश झा संयोजन ओ लेखिका स्वर्णिम किरण झा अध्यक्षता मे आयोजित एहि बैसार मे दरभंगा, मधुबनी ओ सीतामढीक दू दर्जन सं बेसी कवि-कवियित्रीक सहभागिता देखल गेल.
विभिन्न गंभीर विषय पर एक सं एक स्वरचना पढि कवि लोकनि साहित्यप्रेमी सबहक वाहवाही हंसोंथबा मे सफल रहलाह. नवांकुर भोला साहुकार केर मिथिला-मैथिलीक बखान पर केन्द्रित रचना सं प्रारंभ भेल एहि बैसार मे युवा दुर्गेश मंडल नेनपन कें केन्द्र मे राखि अपन रचना वाचन केलाह. तदुपरांत गीतकार वाचस्पति ठाकुर परातीक रूप मे गीत प्रस्तुत क' उपस्थित जनसमूह कें मंत्रमुग्ध क' देने छलाह.
राघव रमणक वाचस्पति डीह पर केन्द्रित रचना आयोजन मे एकटा अलग छाप छोड़ैत दृष्टिगोचर भेल त' ओतहि युवातुर्क निस्सन गजलकारक सुमित गुंजन सत्ताक कुव्यवस्था पर चोट करैत सुन्दर गजलक पाठ कएने छलाह. वासंती नवरात्राक पहिल दिन आयोजित भेल एहि बैसार मे नारी शक्ति सहभागिता सेहो देखल गेल. कवियित्री रूबी मिश्रा अपन कविता मे बाल-मजदूरीक सजीव चित्रण करबाक सुन्दर प्रयास केने छलीह.
हास्य कवि रूप मे स्थापित होइ दिस अग्रसर युवा कवि कमलेश प्रेमेन्द्र अपन चिर-परिचित अंदाज मे नव बरखक मेला मे ठेलम-ठेला मध्य सं हास्य अधिश्रोता सबहक बीच रखलाह आ लोकक पेट मे बग्घा लगबै मे सफल रहलाह.
एहि बीच कल्याण जी अपन वसंत-वर्णन शीर्षकक कविता मे प्रकृतिक जीवंत चित्रण अकानल गेल. तदुपरांत गीताकान्त झाक भक्ति रस मे बोरल गीत प्रस्तुत क' मैथिली मौलिक गीतक एकटा निस्सन उदाहरण रखने छलाह. एहि स' पहिने नवतूरमे बेस अंखिगर युवा कवि प्रियरंजन झाक जीवन मे नारीक महत्व विषय-वस्तु पर केन्द्रित रचना मैथिली गद्य कविता कें एकटा नव उचासक अखियास करौलक.
अक्षय आनन्द सन्नी अपन रचनाक माध्यमे नारीक प्रति लोकक गिद्ध दृष्टि केर बहन्ने समाज पर कुठाराघात करबाक भरिसक प्रयास कएने छलाह. कार्यक्रमक संयोजक ओ कवि अवधेश झा अपन रचनाक माध्यमे नारी कोनो वस्तु नहि सन गंभीर गप्प नव अंदाज मे कहने छलाह. प्रसिद्ध युवा कवि मैथिल प्रशांतक गजल मे नव तेवर लोकक हृदय धरि पहुंचल छलैक. प्रशांत अपन गजल मे विभिन्न रास सम-सामयिक मुद्दा पर बड़ सहजता सं निस्सन चोट केने छलाह.
दुष्यंत कुमार वत्सक हिन्दी सं मैथिली अनुवाद कविता बैसार मे एकटा अलग छाप छोड़ने छल. मनोज कामत अपन हास्य रचनाक माध्यमे वर्तमानक शिक्षा व्यवस्था पर करगर व्यंग्य कएने छलाह त' दरभंगा आकाशवाणीक प्रतिनिधि कवि अखिलेख झा लोकतंत्रक कुव्यवस्था पर सशक्त प्रहार अपन रचनाक माध्यमे कएने छलाह.
कार्यक्रमक प्रसिद्ध हास्य कवि अर्जुन कविराज 'नेता जी जेल मे' शीर्षक कविता वाचन क' बैसार मे चारि चान लगा देलनि. अंत मे कार्यक्रमक अध्यक्षा श्रीमती किरण देसी फ्लेवरक चैतावर प्रस्तुत क' आनन्दित क' देने छलीह. कार्यक्रम मे बाॅलीवुड केर फिल्म अभिनेता ओ सुच्चा मैथिल नरेन्द्र झाक देहावसान पर उपस्थित व्यक्तित्व शोक व्यक्त क' हुनके मृतात्माक शांति लेल दू मिनटक मौन रखने छलाह. तकरा बाद अध्यक्षाक अध्यक्षीय संबोधन, अखिलेख झा द्वारा कार्यक्रमक समीक्षा आ काव्य बैसारक संस्थापक मैथिल प्रशांत द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कएल गेल.
एहि आयोजन मे संचालनक भूमिका मनोज कामत निमाहने छलाह.
रिपोर्ट: अक्षय आनन्द सन्नी