कोलकाता केँ मिथिलाक तीर्थ, मिनी मिथिला आदि कहल गेल अछि. आ से कोलकाता एखनो अपन एहि पदवी केँ जोगा क' रखने अछि.
कोलकाता महानगरी ओ लगपासक रिसड़ा, बेलूड़, कोन्नगर, लिलुआ, हावड़ा, नैहट्टी आदि मे मैथिल सभक प्रायः सोड़हि भरि संस्था एखनो भाषा, साहित्य, संस्कृति, रंगकर्म, समाजसेवा आदि विभिन्न गतिविधि मे लागल रहैए. 3-3 गोट मैथिली पत्रिकाक प्रकाशन होइए. प्रबोध साहित्य सम्मानक जड़ि एतहि अछि.
कविता, गीत, गजल, लघुकथा, कथा, निबंध, बाल साहित्य, लोकरुचिक विज्ञान लेखन आदि पर गम्हीरताइ सँ काज होइए. शोधकार्य सेहो विभिन्न रूपेँ भऽ रहल अछि. माने कोलकाता एखनो खूब सक्रिय अछि आ से सौंसे देशक मैथिल समाज तकरा मानितो अछि.
एहि मान्यताक प्रमाण अछि एहि बर्ख 2017 मे कोलकाताक रचनाकार ओ मैथिलीसेवी लोकनि केँ भेटल सम्मान ओ पुरस्कार.
एहि सम्मान ओ पुरस्कार पर एक नजरि:
> मैथिली साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समिति, मधुबना द्वारा श्री लक्ष्मण झा सागर केँ सम्मान तथा रूपेश त्योंथ केँ नवहस्ताक्षर पुरस्कार
> साहित्य अकादेमी द्वारा चंदन कुमार झा केँ युवा पुरस्कार
> चेतना समिति द्वारा राम लोचन ठाकुर केँ यात्री चेतना पुरस्कार तथा योगेन्द्र पाठक वियोगी केँ सुलभ समाज सेवा पुरस्कार
> विद्यापति सेवा संस्थान द्वारा किशोरीकान्त मिश्र केँ मिथिला विभूति सम्मान एवं
> मैलोरंग द्वारा रंजीत कुमार झा केँ श्रीकान्त मंडल सम्मान
— मिथिलेश कुमार झा