झंझारपुरक मैथिली पुस्तक केन्द्र मे साहित्यिक गोष्ठी आयोजन भेल जाहि मे रचनाकार अपन रचनाक संग आनोआन रचनाकारक रचना पढ़लनि. दू सत्र मे आयोजित गोष्ठीक पहिल सत्र मे उपस्थित रचनाकार स्वरचित रचनाक पाठ केलनि त' दोसर सत्र मे रचनाकार अपन पसिनक अन्य रचनाकारक रचना पाठ केलनि.
साहित्यिक आनंद कुमार झा जनबैत छथि जे एहि तरहक कार्यक्रम सं साहित्य सं दूर जाइत पाठक कें फेर साहित्य सं जोड़ल जा सकत. एही कें धियान मे राखि शनिदिन (16 सितम्बर 2017) कें झंझारपुर मे साहित्यिक सारस्वत केर देखरेख मे कार्यक्रमक शुभारंभ भेल.
विदित हो जे आब ई कार्यक्रम प्रत्येक मास आयोजित कएल जाएत. कार्यक्रमक रूपरेखा डा. खुशीलाल झा, सारस्वत, प्रवीण कुमार मिश्र, आनन्द कुमार झा सहित गठित कार्यकारिणी यथाशीघ्र विस्तार सं तय करत.
उक्त कार्यक्रम कविता पर आयोजित छल जाहि मे सारस्वत, अनुभव आनंद, आनंद कुमार झा, रिंकू देवी, पार्थ प्रीतम ओ प्रवीण कुमार मिश्र कविता सभक पाठ केलनि. एहि विशेष आयोजन मे छाह सोहाआओन (जीवकांत), जाइ सं पहिने (उषाकिरण खान), फुलवाइर (रामलखन राम 'रमण'), मुक्त-उन्मुक्त (डा. चन्द्रमणि झा), सोना आखर (मिथिलेश कुमार झा), बनिजाराक देस मे (दिलीप कुमार झा), समय सं संवाद करैत (कामिनी), एक मिसिया (रूपेश त्योंथ), ई कोना हेतै (डा. वैद्यनाथ मिश्र) ओ अरुणिमा (स्मारिका) मे सं रचना पढ़ल गेल.
आनंद कुमार झा आगू कहैत छथि जे एहि मासिक गोष्ठी केर रूपरेखा धीरे-धीरे स्पष्ट हेतै आ एकर खगता क्षेत्र मे बुझना जा रहल छलैक. मैथिलीक पाठक वर्ग तैयार करब गोष्ठीक मूल उद्देश्य राखल गेल अछि. साहित्यिक आयोजन सभ मे पाठकक भागीदारी खूब कम देखबा मे अबैत छै.
ADVERTISEMENT