रंग भरल मौसिममे नेह मिला देब
हम अहाँ दुनियाँकेँ चान चढा देब
गाबि देबै नेहक गीत अहाँ आबि
शेर हम होरीकेँ गाबि सुना देब
नेह पर जगतीके भार टीकल छैक
खाम्ह मिलि नेहक दू-चारि गड़ा देब
मोनकेँ ने तोङब आइ अहाँ मीत
घोरि अहलादक टा भांग पिया देब
फागकेँ ई महिना मातल राजीव
ताहि पर लागैए मारि अहाँ देब
— राजीव रंजन मिश्र