कलकत्ता : मैथिलजन सहित समूचा देश लेल गौरवक बात अछि जे हमर सभक बीचक प्रतिभा विदेशो मे सुनाम केलनि अछि. खरका-बसंत (दड़िभंगा) निवासी आ कलकत्ता प्रवासी भाषाविद भास्करानंद झा 'भास्कर' केर अंग्रेजी कविता फिलिपीन्स'क सिलेबस मे शामिल कएल गेल अछि. गांधी आ मंडेलाक उल्लेख कएल कविताक चयन लेखन शैली आ समाहित व्यापक अर्थ कें देखैत कएल गेल अछि. विदेशक सिलेबस लेल कविताक चयन सन अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल कएनिहार भास्कर झा मिथिला-मैथिलीक नाम उंच केलनि अछि. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय केर छात्र रहल भास्कर बाबू भाभा परमाणु संस्थान मे कार्यरत छथि. भास्करजी मैथिली, अंग्रेजी आ हिन्दी मे सामान रूप सं लिखैत छथि.
अंग्रेजीक कवि आ समीक्षक रूपें पहिचान
मातृभाषा मैथिली संगहि हिन्दी, अंग्रेजी मे सेहो खूब लिखैत छथि. विशेष क' अंग्रेजी लेखन मे हिनक सक्रियता पर्याप्त अछि. विश्व भरि मे अंग्रेजी साहित्यक युवा समीक्षकक रूप मे हिनक छवि बनल अछि. संगहि कविताक माध्यमे हिनक धमक सात समुंदर पार धरि अछि.
मैथिली साहित्य आ सिनेमा मे योगदान
भास्करजी अंग्रेजीक विद्वान रहितो मातृभाषा मैथिली मे सतत लेखनी चलबैत छथि आ मैथिली साहित्यकार मध्य बेस चर्चित युवा चेहरा छथि. मैथिली गीत, गजल, कविताक संग समीक्षा सेहो लिखैत छथि. एकर संगहि मैथिली नाटक, सिनेमा पर हिनक रिसर्च अतुलनीय अछि. ई मैथिली सिनेमा विषयक ब्लॉग सेहो लिखैत छथि.
भाषा-साहित्य, कला विषयक प्रखर वक्ता
भास्कर बाबू जें भाषाविद छथि, साहित्य पर हिनक नीक पकड़ि छनि. विभिन्न आयोजन मे बतौर वक्ता ई श्रोताक धियान आकर्षित करैत छथि. विविध विषयक सूचना एकत्रित क' पाठक आ श्रोताक सोझाँ आनब हिनक विशेषता रहल अछि.
मिथिमीडियाक सहयोगी आ सुचिन्तक
मिथिमीडिया शुरू भेलैक त' भास्कर बाबू एकर सिनेमा आ कला विषयक संपादन करैत छलाह आ एखनो बतौर परामर्शक जुड़ल छथि. साहित्य आ कला संबंधी निबंध आदि विभिन्न पत्र-पत्रिका मे अबैत रहैत छनि. एहिना आगू बढ़थि से शुभकामना!
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