विराटनगर: अन्तर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन-2015 केर आयोजन नेपालक विराटनगरमे बीतल शनिदिन भेल. एहि सम्मेलनमे मैथिली कार्यकर्ता, कवि, विचारक लोकनि भाग लेलनि. एहि कार्यक्रममे देश-विदेशसं आएल भाषाप्रेमी अपन विचार प्रकट केलनि. एहि कार्यक्रमक लाइव प्रसारण इंटरनेटक माध्यमसं भेल.
प्राज्ञ रमेश रंजन, प्रज्ञा परिषद् सदस्य, नेपाल संगीत तथा नाट्य प्रज्ञा प्रतिष्ठान, काठमांडु तथा सुप्रसिद्ध मैथिली गीतकार सियाराम झा सरस केर संयुक्त प्रमुख आतिथ्य तथा मैथिली सेवा समितिक अध्यक्षा डा. एस. एन. झा केर अध्यक्षतामे संपन्न एहि समारोहक प्रथम सत्रमे 'मैथिलीक वर्तमान अवस्था - राज्यक योगदान आ उपेक्षा' विषय पर केन्द्रित रहल. एहि सत्रमे लगभग 65 वक्ता द्वारा विचार व्यक्त केलनि.
दोसर सत्रमे देश-विदेशसं पधारल कविक सहभागिता संग कवि-गोष्ठी केर आयोजन कएल गेल छल. एहि सत्रक अध्यक्षता सहरसासँ आएल मैथिली कवि अरविन्द मिश्र 'निरज' कएलनि. कवि गोष्ठीमे युवा कवि-कवियित्रीकें अवसर देल गेल.
तेसर सत्रमे मैथिली गजलक सुन्दर प्रस्तुति संग कार्यक्रमक प्रमुख अतिथि आ प्रसिद्ध गीतकार सियाराम झा सरस द्वारा कएल गेल छल. हिनक अतिरिक्त पवन नारायण, सुनील पवन, दिया चौधरी, प्रीति झा, धीरेन्द्र प्रेमर्षि, सुभाषचन्द्र झा, देवांशी चौधरी, भावना चौधरी, अम्बिका चौधरी तथा प्रवीण नारायण चौधरी द्वारा विभिन्न स्वादक मैथिली गीत प्रस्तुत कएल गेल.
अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली कवि सम्मेलन-2015 द्वारा घोषित सम्मान पत्र सहरसामे पत्रकारिता करैत मैथिली भाषा ओ मिथिला संस्कृति प्रति समर्पित योगदान करनिहार कन्हैयाजी, कुमार आशीष आ सुभाषचंद्र झाकेँ भारतीय राजदूतावास अधिकारी पीके चालियाक हाथसँ सम्मान देल गेल. एहि कार्यक्रममे सहभागी लोकनिकेँ प्रशस्ति पत्र प्रदान कएल.
एहि कार्यक्रमक मध्यमे मैथिली जिन्दाबाद डॉट कॉम- समाचार पोर्टलक उद्घाटन कएल गेल छल. मिथिला डायरेक्ट्री 2015 केर विमोचन मंचासीन अतिथि लोकनि द्वारा कएल गेल. संगहि काञ्चीनाथ झा किरणकेँ समर्पित मिथिलाक्षर किरण फोन्ट्स केर विमोचन मैथिली फाउन्डेशनक संस्थापक कौशल कुमारक उपस्थितिमे रमेश रंजन व धीरेन्द्र प्रेमर्षि द्वारा कएल गेल.
सैकड़ो अभियानी, रचनाकारक उपस्थिति एहि कार्यक्रमकें विलक्षण बना देलक. देश-विदेशक एतेक मैथिलीप्रेमी एक मंचपर संभवतः पहिल खेप जमा भेल छलाह. ओना एहिसं पहिने पटनामे लिटरेचर फेस्टिवलमे सेहो एहिना जमघट देखल गेल छल.
(रिपोर्ट : अमित आनंद / फोटो : चिन्मय एन सिंह)