हैदराबाद: साहित्यिक संस्था 'देसिल बयना'क मासिक बैसार रविदिन 8 फरवरी क' स्थानीय बी.एच.ई.एल. परिसर स्थित शम्भुनाथ झाजीक आवास पर भेल. बैसार मे सर्वप्रथम मोहन मुरारी झा जयपुर लिटरेरी फेस्टिवल मे भेल अपन अनुभव सबहक संग साझा केलनि. तदोपरांत कविता पाठक सत्र भेल.
मोहन मुरारी झा 'छोट-छोट बात', शम्भुनाथ झा 'देखल हम नेताके आचार', चंद्रमोहन कर्ण ' तेल ओ गैस संरक्षण', ज्योतिप्रकाश लाल 'होली एलै' आ मनोज शाण्डिल्य अपन तीन गोट कविता 'मुक्ति', 'स्वप्नलोक' आ 'लोथरा'क पाठ केलनि. तदोपरान्त संस्थाक अध्यक्ष चंद्रमोहन कर्ण ऊर्जा संरक्षण पर एक ज्ञानवर्धक व्याख्या प्रस्तुत केलनि. अंत मे हैदराबाद विश्विद्यालयक शोधार्थी कुमार सौरभ पृथक मिथिला राज्यक विमर्श प्रारम्भ केलनि जाहि मे सब उपस्थित सदस्य अपन-अपन विचार रखलनि.
सर्वसम्मति सँ पृथक राज्यक गठनक अनुमोदन कएल गेल आ इहो सर्वमान्य भेल जे एहि मादे आन्दोलनकेँ मिथिलाक जनगणक संग जोड़ब आ जमीनी स्तर पर एखन बहुत काज होएब आवश्यक अछि जाहि मे प्रवासी मैथिलक भूमिका महत्वपूर्ण रहत. उपरोक्त सदस्य सबहक अतिरिक्त चंद्रशेखर झा, मनोज कुमार झा, जयचंद झा आ सुमन प्रकाश मिश्र सेहो गोष्ठी मे उपस्थित छलाह.
(रिपोर्ट : मिथिमीडिया ब्यूरो)