कलकत्ता : स्थानीय विद्यापति विद्यामंदिरमे रविदिन 1 फरवरीकें दिनक 1 बजेसं साहित्यिक विमर्शक कार्यक्रम आयोजित भेल. कोकिल मंचक रजत जयंतीक अवसरपर पटनासं आएल साहित्यकार कमल मोहन चुन्नू (केएमसी)क संग साहित्यक विविध बिंदुपर फइलसं चर्च भेल. मिथिलेश कुमार झाक आह्वान पर महानगर युवा साहित्यकार लोकनि सेहो जुटलाह आ पटनासं कलकत्ता धरिक साहित्यिक क्रियाकलाप, लेखन, रंगमंच आदि पर चर्चा भेल.
कमल मोहन चुन्नू रंगकर्म सहित लेखन-संपादनसं जुड़ल छथि आ एहिसं जुड़ल कतेको बिंदुपर ओ अपन बात रखलनि. चुन्नूक अनुसार मैथिली साहित्यमे सेहो प्रयोग हेबाक चाही. हमरा लोकनि एक बनल-बनाओल लीकपर चलि रहल छी. साहित्यकार लोकनि सजगवर्ग छथि आ तैं देश-दुनियामे की सब भ' रहल छथि ताहिपर सेहो धियान देबाक चाही. ओ कहलनि जे कलकत्ता सभ दिन मैथिली आन्दोलनकें जियओने रहल अछि आ एखनहु एतय पर्याप्त काज होइए मुदा एकर उचित समीक्षाक आवश्यकता छै. काज होइ छै त' गलती आ सही दुनू होइ छै आ एकर सही आकलन होयबाक चाही तखने परिणाम देत.
मैथिली पत्रिका घर-बाहर केर संपादक चुन्नूजी पत्रकारिता पर बात रखैत बजलाह जे आजुक पत्र-पत्रिका अपन विश्वसनीयता हेरा रहल अछि. खबरिक चयनसं ल' प्रकाशन धरिक काजमे संपादकक भूमिका कम भेलैक अछि आ तकर नकारात्मक प्रभाव पडि रहलैक अछि. मैथिलीमे प्रिंटसं ल' ऑनलाइन धरि किछु माध्यम अछि आ तकरा लग पैघ चुनौती छै. संपादन दायित्ववला काज छै.
ओ कहलनि जे आब नाटक पर बड़का ख़तरा छै. एकर मंचन करब पटनामे सेहो बेस कठिन भ' गेलैक अछि. मंचपर प्रयोगकें पचयबाक सामर्थ्य हमरा समाजक लोकमे नै छै. एतय समीक्षकक नितान्त खगता छै. ओहुना जे हाल बुकिंगक चार्ज पटनामे भ' गेलैक अछि, नाटक करयसं पहिने सोचय पड़तैक.
एकर संगहि विद्यापति विद्यामंदिरक स्थापना, क्रियाकलाप आ वर्त्तमान स्थिति पर ओ जानकारी लेलनि. संगहि विद्यापतिक प्रचलित फोटो पर सेहो गहींर विमर्श भेल. कार्यक्रममे अनमोल झा, चन्दनकुमार झा, रूपेश त्योंथ आदि लोकनि उपस्थित भेलाह.
(रिपोर्ट : मिथिमीडिया ब्यूरो)