जनकपुरधाम: २०७१ सालक गंकी धुस्वाँ बसुन्धरा पुरस्कार एहि वर्ष मैथिली भाषाक उपन्यासकार, वरिष्ठ साहित्यकार रामभरोस कापडि भ्रमरकेँ प्रदान कएल जाएत. नेवारी भाषाक प्रथम उपन्यास “गंकी” (२०१५)केँ चर्चित उपन्यासकार, नेवारीसंगहि नेपाली आ हिन्दी भाषाक समेत मुर्धन्य साहित्यकार धुस्वाँ सायमी आ हुनक कनियाँ श्रीमति बसुन्धराक स्मृतिमे हुनक पुत्रसभद्वारा स्थापित गंकी धुस्वाँ बसुन्धरा पुरस्कार २०३९ साल सँ प्रदान होइत आबि रहल अछि.
प्रत्येक दू वर्षपर प्रदान कएल जाएबला ई पुरस्कार नेपाल भाषा आ नेपाली भाषाक उपन्यासकारसभकेँ देलजाइत छल. मुदा एहि वर्ष ई दूनु भाषा बाहेकक भाषामे सेहो देल जएबाक निर्णय भेल ताही अनुसार मैथिलीमे सर्वप्रथम देल गेल अछि.
गंकी धुस्वा बसुन्धरा प्रतिष्ठानक अध्यक्ष तथा उपन्यासकार डा. अरुण सायमीक अध्यक्षतामे बैसल बैसार ओ पुरस्कारक निर्णय कएने अछि. ई पुरस्कार पाबयबला प्राज्ञ भ्रमर पहिल मैथिली साहित्यकार छथि. पुरस्कारक राशि एहि वर्षसँ ५० हजार कएल गेल अछि. पुरस्कार अगामी माघ १ गते काठमाण्डूमे प्रदान कएल जाएत. एहि वर्ष पुरस्कारक निर्णयक लेल प्रतिष्ठानक कोषाध्यक्ष साहित्यकार अनिता तुलाधर संयोजक, नवीन चित्रकार आ सुरेश किरण मानन्धर प्रतिष्ठानक सदस्यसभ रहल उप समिति गठन कएल गेल जानकारी प्रतिष्ठान देने अछि.
(रिपोर्ट : मिथिमीडिया ब्यूरो)