जनकपुरधाम: गंकी धुस्वा बसुन्धरा प्रतिष्ठान २०७१ सालक गंकी धुस्वाँ बसुन्धरा पुरस्कार मैथिली भाषाक उपन्यासकार, वरिष्ठ साहित्यकार रामभरोस कापडि भ्रमरकेँ प्रदान कएलक अछि. प्रतिष्ठानक अध्यक्ष डा.अरुण सायमीक अध्यक्षतामे विगत वृहस्पतिदिन सम्पन्न पुरस्कार वितरण समारोहक प्रमुख अतिथि उपराष्टूपति परमानन्द झा प्राज्ञ भ्रमरकेँ ओ पुरस्कार प्रदान कएलनि.
पुरस्कारमे सम्मानपत्रक संगहि ५० हजार नगद सेहो रहल अछि. प्राज्ञ भ्रमरक संगहि प्रतिष्ठानद्वारा प्रदान कएल जाएबला सिर्जना पुरस्कार कला जगतक व्यक्तित्व गायक दिपक श्रेष्ठ सेहो ओहि समारोहमे पुरस्कार प्राप्त कएने छथि. हुनका सेहो उपराष्टूपति झा सम्मानपत्रक संगहि नगद प्रदान कएने छलथि.
पुरस्कार वितरणक बाद समारोहकेँ सम्बोधन करैत उपराष्टूपति झा नेवारी भाषा साहित्यक संस्था सँ मैथिलीक साहित्यकार पुरस्कार प्राप्त कएला सँ दूनु भाषा बीचक मल्लकालिन सम्बन्धकेँ आओर मजबुत बनेबाक विश्वास व्यक्त कएलनि.
समारोहमे प्राज्ञ भ्रमर राजनीति समाजकेँ तोडयकेँ काज कऽ रहल होइतो साहित्य समाजकेँ जोडयमे निरन्तरत प्रयत्नरत्न रहल बतौलनि. एहि पुरस्कार सँ सेहो नेवारी र मैथिली समाजकेँ जोडयमे महत्वपूर्ण योगदान पहुँचत हुनक कहब छलनि.
नेवारी भाषाक प्रथम उपन्यास “गंकी” (२०१५) क चर्चित उपन्यासकार, नेवारी संगहि नेपाली आ हिन्दी भाषाक सेहो मुर्धन्य साहित्यकार धुस्वाँ सायमी आ हुनक कनिया श्रीमति बसुन्धराक स्मृतिमा पुत्रसभद्वारा स्थापित गंकी धुस्वाँ बसुन्धरा पुरस्कार २०३९ साल सँ प्रदान होइत आएल अछि. प्रत्येक दू वर्षपर प्रदान कएल जाएबला ई पुरस्कार नेपाल भाषा आ नेपाली भाषाक उपन्यासकारसभक संगहि भोजपुरी सहितक उपन्यासकार सभकेँ प्रदान कएल जा चुकल अछि. मुदा मैथिली भाषीक रुपमे ई पुरस्कारप्राप्त करयबलामे बरिष्ठ साहित्य भ्रमर पहिल छथि. प्रतिष्ठानक कोषाध्यक्ष साहित्यकार अनिता तुलाधरक संयोजकत्वमे नवीन चित्रकार आ सुरेश किरण मानन्धर सदस्य रहल पुरस्कार छनौट समिति प्राज्ञ भ्रमरकेँ एहि वर्ष पुरस्कृत करबाक निर्णय कएने छल.
(रिपोर्ट : मिथिमीडिया ब्यूरो)