मैथिली काव्यगोष्ठी 'अकासतर बैसकी' भेल शुरू


कलकत्ता: मैथिली कविता हेतु समर्पित काव्यगोष्ठी 'अकासतर बैसकी' केर आयोजन 17 जनवरी सांझ 6 बजेसं कोलकाताक नंदन प्रांगणमे भेल. समय-समय पर आयोजित होइत रहयवला एहि गोष्ठीक पहिल खेप आयोजन मिथिलेश कुमार झा केर अध्यक्षतामे संपन्न भेल. कविताक माध्यमसं भाखाक प्रचार-प्रसार ओ नवतूरकें जोड़बाक हेतु एहि गोष्ठीक आयोजन शुरू कएल गेल अछि. कविता आमजनकें भाखासं जोडैत अछि. नवतूरकें जोड़ने रखबाक क्षमता कवितेमे छै. पारंपरिक काव्य गोष्ठीसं फराक फूजल अकासतर कविता हेतु समर्पित गोष्ठीमे कविता आ एहिसं जुड़ल विविध बिंदुपर चर्च-बर्च होएत. रूपेश त्योंथ कार्यक्रमक आरम्भमे एहन तरहक गोष्ठी सभक चर्च केलनि संगहि मैथिलीमे कविता लेल भ' रहल एहि प्रयासक खगता पर इजोत देलनि. चंदनकुमार झा एहि गोष्ठीक आयोजनक रूपरेखा ओ अनुशासनात्मक काएदा सभक सोझां रखलनि. भास्कर झा, अशोक झा 'भोली, मनोज शांडिल्य (हैदराबाद) गोष्ठीक रूपरेखा पर अपन सुझाओ सोझां रखलनि. 

वर्ष 2015 हेतु बैसकीक संयोजक रूपेश त्योंथकें बनाओल गेल अछि. सालमे कमसं कम 5 गोट आ बेसीसं बेसी 12 गोट बैसकी आयोजित होयब निश्चित भेल अछि. बैसकीमे कमसं कम 5 गोट कवि ओ भाखाप्रेमीक रहब आवश्यक अछि. 'अकासतर बैसकी'मे कविता पढ़ल जाएत. रचनाकार स्वयं अपन रचना पढताह संगहि कोनो भाखाप्रेमी आनो कविक रचना पढि सकैत छथि. रचना टटका-पुरान, प्रकाशित-अप्रकाशित भ' सकैत अछि. कविताक विषयमे चर्चा ओ कविताक समीक्षा सेहो पढ़ल जा सकैत अछि. मूल कविता लेखकक अनुमतिक पश्चात आन भाखाक मैथिली अनुदित कविता सेहो पढ़ल जा सकैत अछि. 

बैसकीमे हैदराबादसं आएल मनोज शांडिल्य सहित उपस्थित सभजन कविता पढलनि. अशोक झा 'भोली' काव्य आवृत्ति केलनि. ओ 'नेता बनयकें जोगार'  शीर्षक कविता पढ्लनि. चन्दनकुमार झा तीन गोट पद्य रचना सुनओलनि. भास्कर झा एकदम टटका लिखल रचना 'आकांक्षा पढ्लनि. रूपेश त्योंथ 'ई दुनिया' आ 'मचरुआ नहितन' कविता पढ्लनि. मनोज शांडिल्य ठनका, उज्जर संसार, भोज, माँ मैथिली ओ हास-परिहास शीर्षक कविता पढ्लनि. मिथिलेश कुमार झा बाल कविता 'गामक पेठिया' सुनओलनि. उपस्थित लोकनि एहि बैसकीकें आवश्यक डेग बतओलनि. आगामी गोष्ठी किछु समयान्तराल पर आयोजित होएत. 

(रिपोर्ट : मिथिमीडिया ब्यूरो)
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