नव दिल्ली : दिल्लीक फिक्की सभागार में दिनांक 11 जनवरी 2014क' गणतंत्र दिवसक उपलक्ष्यमे दिल्ली सरकारक मैथिली भोजपुरी अकादमी द्वारा कवि सम्मलेनक आयोजन कएल गेल छल. जाहिमे कवि लोकनि अपन कविता पाठ सँ फिक्की सभागारमे बैसल समस्त दर्शक लोकनिकें कखनो हर्ष त' कखनो विस्मित त' कखनो खूब जमिक' हंसबापर विवशक' देलनि. कविताक पांति-पांतिपर दर्शक लोकनि थोपरी बजा कविक कविताक सराहना कएल.
कवि सम्मलेनमे दिल्लीक संग-संग अन्य राज्यसँ कवि आ कवियित्री लोकनि सेहो भाग लेने छलीह. मैथिली कवि डॉ० बुद्धिनाथ मिश्र अपन कविता "गाम अपनो लगए आन गामे जेँकाँ, तैं फिरै छी बने बन रामे जेँकाँ " त' डॉ० शेफालिका वर्मा अपन कविता "ठप्पा" में नारीक चित्रण केलनि.
भोजपुरी कवि देवकांत पाण्डेय अपन कविता "जमवले अपने हुनर से धक भोजपुरिया आ डॉ० कमलेश राय अपन कविता "आधा देह उधर देखि ,अक्सर नदी किनारे देखि" कविताक पाठ क' श्रोता लोकनि कें मंत्रमुग्ध केलनि.
कवि सम्मलेन के सञ्चालन भोजपुरी कवि विनय बिहारी शुक्ला "विनम्र" केलनि, आ अध्यक्षता मैथिलीक प्रसिद्ध कवि रामलोचन ठाकुर केलनि. सम्मलेनमे मैथिली कवि गंगेश गुंजन, निवेदिता झा, शेफालिका वर्मा, मृदुला प्रधान, विजय नाथ झा, रविन्द्र लाल दास, विनीता मल्लिक, उमाकांत आ भोजपुरी कवि कुबेर नाथ मिश्र "विचित्र", गुरु चरण सिंह, जौहर शफियावादी, वशिष्ठ द्विवेदी, सुभद्रा वीरेंद्र, संतोष पटेल, तारकेश्वर मिश्र आ राजेश कुमार मांझी कविता पाठ केलनि. एहिसँ पहिने सम्मेलनक उद्घाटन दिल्ली सरकारक कला, संस्कृति आ भाषा विभागक सचिव गीतांजलि गुप्ता कुंद्रा द्वारा कएल गेल. एहि अवसर पर मैथिली भोजपुरी अकादमीक उपाध्यक्ष अजीत दुबे कहलनि मैथिली आ भोजपुरी दुनू बहिन छथि.
(रिपोर्ट : संजय झा / फोटो : फेसबुक )