पटना : रचनाकार लोकनि पुरस्कार लेल पोथी लिखै छथि. लेखन संगे न्याय नहि होइए. पुरस्कार कें धियानमे राखि लेखन हेतैक त' कखनो उत्तम साहित्य नै लिखा सकैत छै. ई बात कहलनि शरदिन्दू चौधरी. मैथिली लिटरेचर फेस्टिवलक दोसर दिनक दोसर सत्र मे मैथिली पोथी : प्रकाशन ओ वितरण विषय पर ओ ई बजलाह. एहि सत्र केर संचालन भैरव लाल दास केलनि. एहि सत्रमें मैथिली पोथीक बाजार विषय पर कमलेश झा सेहो अपन विचार रखलनि. मैथिली पोथीक वितरण समस्या अत्यंत विकट छै आ प्रकाशनक सेहो अत्यंत अभाव छै.
एहिसं पहिने पहिल सत्रमे बाल साहित्य पर विमर्श भेल जे ऋषि वशिष्ठ केर संचालनमे भेल छल. एहि सत्रमे नारायण झा, प्रवीण भारद्वाज भाल साहित्यक खगता ओ निरंतर लेखन पर जोर देलनि. बाल साहित्य केर लेखन मैथिलीमे बहुत कम भेल अछि आ एहि विधाकें पुष्ट करबाक लेल बाल साहित्यक निरंतर लेखन होयबाक चाही.
तेसर सत्रमे नचिकेता केर नाटक नो इंट्री : मा प्रविष पर चर्चा भेल. चर्चा लेल रमेश रंजन आ दीपक गुप्ता छलाह. सत्र केर संचालन नाट्य निर्देशक कुणाल केलनि. चारिम सत्र राजकमल कें समर्पित छल. ज्ञात हो जे हुनक जन्मदिन सेहो एही दिन छल. भारतीय साहित्यमे राजकमल योगदान पर श्रद्धांजलि देल गेल आ मनोज श्रीपतिक फिल्म जे राजकमल पर छल, प्रदर्शित कएल गेल.
एकर पश्चात लोक नाट्य पमारिया पर सुरेश पासवान चर्चा केलनि. कुणाल केर संचालन मे इजरायल पमारिया हुनक संगी लोकनि प्रस्तुति देलनि. अगिला सत्र मैथिली फिल्म निर्माण पर छल जाकर संचालन फिल्म एक्टिविस्ट किसलय कृष्ण केलनि. रवीन्द्रनाथ ठाकुर, मनोज श्रीपति, प्रशान्त-नागेन्द्र अपन विचार रखलनि. रवीन्द्रनाथ ठाकुर कहलनि जे मैथिली फिल्म बनैत रहतैक. मनोज श्रीपति फिल्म निर्माण क्षेत्रमे समर्पित युवा लोकनिक आगमन पर संतोख प्रकट केलनि.
अंतिम सत्रमे निर्देशक संतोष बादल केर मैथिली फिल्म 'कखन हरब दुःख मोर' केर प्रदर्शन भेल. विद्यापति पर आधारित ई फिल्म बेस चर्चित आ व्यवसायिक रूपसं सफल फिल्म अछि. खबरिक अनुसार एहि फ़िल्मक पांच करोड़ टाका मूल्यक सीडी एखन धरि बिका चुकल अछि. एहि फ़िल्मकें डब क' हिन्दीमे सेहो रिलीज कएल गेल छल जे बेस चर्चित भेल.
(रिपोर्ट : अमित आनंद ; फोटो : तारानंद वियोगी)