जनकपुरक छठि केर मनोहारी दृश्य

जनकपुरक छठि देखबालेल देश विदेशक लोक अबैत अछि. अस्त  होइत सूर्य  के नमन करैत अनगिनत हाथक दृश्य  सरिपहुं मोनकें तृप्ति  क' दैछ. एहने पावन छठिक किछु मनभावन दृश्य. 

— राम भरोस कापडि 'भ्रमर' 







Previous Post Next Post