मैथिली कवि सम्मलेन
मैथिली साहित्यमे सम्मेलनक पुरान परंपरा अछि आ ताहूमे कवि सम्मेलनक बाते विशेष अछि. सालभरि विभिन्न संस्था सभ साहित्यिक अनुष्ठान करैत रहैत अछि. कवि लोकनि रचना पढ़ैत छथि. लोक साहित्य सुधाक पान क’ तृप्त होइत छथि. एहिसं एक त’ कविक प्रोत्साहन होइछ आ एहि माध्यमसं लेखन बढ़ैत अछि. दोसर समाजमे साहित्य ओहि व्यक्ति धरि पहुंचि जाइए जिनका धरि मैथिली पत्र-पत्रिका नहि पहुंचि पबैए.
संस्थाक कार्यकारी लोकनिकें कोनो साहित्यिक अनुष्ठान वा कवि सम्मेलनक आयोजन करबा हेतु पहिने त’ कवि लोकनिसं बेरा-बेरी संपर्क करय पड़ैत छनि आ फेर कार्यक्रमक आयोजन धरि असमंजसमे रहए पड़ैत छनि जे के’ अओताह आ के’ नहि अओताह. एतबे नहि एहन आयोजन सभमे कविता आ मंचपर कवि लोकनिक प्रस्तुतिक सेहो विषम समायोजन रहैत अछि जे दर्शक वा श्रोताकें ततेक प्रभावित नहि क’ पबैए. संगहि एहि समस्त कार्यक्रमसं आयोजककें बेस फिरेसानी सेहो भ’ जाइए. यएह कारण अछि जे कवि सम्मेलनक लोकप्रियतामे भारी कमी आएल अछि.
वर्तमान आयोजन सभक सभसँ पैघ दुर्भाग्य ई अछि जे मंच लेल उपयुक्त प्रतिभावान कवि सभ आगू नहि आबि पबै छथि आ जे कवि कोनो दृष्टिएँ मंचक कवि नहि छथि से मंच पर कविता पढ़ै छथि आ श्रोता भाखा ओ कवितासं फटकी भ’ जाइत अछि. कविताकें मंचसं जोड़िते मनोरंजनक बात मोनमे अबैए आ एहू दृष्टिसं मैथिली आ मैथिली कवि बारल जँका छथि. धेयान देबाक गप अछि जे विषम परिस्थिति रहितो किछु मैथिली कवि मंचपर कार्यक्रम क’ सुनाम अर्जित केने छथि. कतेक बेर जनतबक अभावमे सेहो साहित्यिक अनुष्ठान नीरस भ’ जाइत अछि.
जओं कोनो एहन सूत्र हो जतय साहित्यिक अनुष्ठान ओ कवि सम्मेलनक हेतु कार्यक्रमक पूर्ण रूपरेखा ओ व्यवस्था विद्यमान हो त’?
एही समस्याक निदान तकैत सोझां आएल अछि मैथिली कवि सम्मलेन. एतय संपर्क क’ संस्था ओ व्यक्ति कवि सम्मलेनक कार्यक्रम ओ मंचक मांजल कवि लोकनिकें अपन कार्यक्रम हेतु बजा सकैत छथि. एहि हेतु कोनो बेस फिकिर वा बाझल रहबाक काज नहि. संपर्क करू आ बेस झमटगर कवि सम्मलेन हेतु आश्वस्त भ’ जाउ.
इ-मेल : maithilikavisammelan@gmail.com | संपर्क : 09386907933