अकादमीक नाम पर बड़का-बड़का घोषणा आ नाना टिटम्भा. देशक राजधानी मे मैथिली-भोजपुरी अकादमीक काज-राज तहिना लागि रहल अछि. पहिनहुं मैथिली संगे एहि अकादमी मे दोयम स्तरक व्यवहार चर्चा मे रहल अछि. जखन कनेक धियान देल त' लागल जे ई त' फोकला अकादमी अछि. जे जतेक घोषणा आ कार्यक्रम छै तकर क्रियान्वयन शून्ना सं कनिये बेसी.
आइ हमसब मिथिला राज्य, मैथिलीक माध्यमे पढ़ौनी आदि अनेक अधिकार प्राप्त करबा हेतु सरकारसँ, सरकारी व्यवस्थासँ लड़ि रहल छी. पछिला सात दशकसँ सेहो मिथिला-मैथिलीक नामपर निरंतर आंदोलन चलल अछि आ तकर फलस्वरूप जे किछु महत्वपूर्ण भेटल ताहिमे विश्वविद्यालयमे मैथिलीक पढ़ाइ, संविधानक आठम अनुसूचिमे मैथिलीक स्थान, पटनामे मैथिली अकादमीक स्थापना, साहित्य अकादमीमे मैथिलीकेँ मान्यता आदि प्रमुख अछि. एहिना सन् २००८ ई.मे दिल्लीमे मैथिली-भोजपुरी अकादमीक स्थापना सेहो भेल. मुदा, एहि संस्थाक दुरावस्था देखि लगैए जेना हमसभ अधिकार प्राप्तिक बाद निश्चिन्त भ' जाइत छी आ कर्तव्य बिसरि जाइत छी. जँ से नहि तँ मात्र साहित्य -अकादमीएक तिकड़ममे ओझरा जाइत छी.
मैथिली-भोजपुरी अकादमीक जे नियम-कानून छैक एवं एहिमे मैथिली ओ भोजपुरी भाषा-साहित्यक विकासक हेतु जे प्रावधान सभ कएल गेल छैक, पछिला छओ बरखमे तकर दशांसोक क्रियान्वयन नहि जँ भ' सकल अछि तँ ताहि लेल निश्चित रूपेँ एकर परामर्शदात्री समूहक सदस्य लोकनि, अपन-अपन भाषाक प्रतिनिधि लोकनि आ साहित्यकार लोकनि जिम्मेवार छथि. एकर नियमक अनुसार प्रत्येक बरख दुनू भाषामे छओ-छओ टा पुरस्कार देबाक प्रावधान छैक . मुदा, पछिला पाँच बरखमे एको गोटेकेँ से नहि देल गेल अछि. तकर की कारण छैक से ककरो ज्ञात नहि. तहिना पोथी प्रकाशन ओ खरीदक सेहो प्रावधान कएल गेल छैक मुदा, आइधरि एहि संस्था द्वारा कतेक मैथिली पोथी कीनल गेल अछि सेहो अनवेष्णक विषय थीक. बरखमे दू बेर कवि-सम्मेलन आ किछु रमन-चमन केर कार्यक्रमसँ ई संस्था अपन भाषा-सेवाक कर्तव्यसँ पिण्ड छोड़ाय लैत अछि. कमोवेश आइ इहो सरकारी संस्था कोनो चंदाक धंधा करयबला संस्थासँ बेसी नहिए लगैए. प्रत्येक बरख जे किछु गोटपंगड़ा साहित्यिक कार्यक्रमक आयोजनो होइत छैक ताहूमे परामर्शदात्री समूहक लोके सभ भाग लैत छथि किंवा बहरीयो वएह जे हुनकर समाङ होथिन्ह. कुल मिलाक" कहल जा सकैए जे ई संस्था जँ आइ अपन उद्देश्यसँ भटकल अछि तँ ताहिमे सभसँ बेसी दोषी मैथिली भाषा-भाषी छथि. मैथिली साहित्यकार छथि. मैथिलीक प्रतिनिधित्व करैत मैथिली परामर्शदात्री समूहक सदस्य लोकनि छथि.
— मिथिमीडिया डेस्क