कलकत्ता: मध्य कोलकाता स्थित ऐतिहासिक महाजाति सदन प्रेक्षागृह मे कोकिल मञ्च केर 24म वार्षिकोत्सवक अवसर पर मैथिली नाटक 'अलख निरंजन' केर मंचन भेल. अरविन्द अक्कू लिखित एहि नाटकक निर्देशन गंगा झा कयलनि. कार्यक्रमक आरम्भ विद्यापति कें स्मरण करैत गोसाओनिक गीत जय जय भैरवि सं भेल. गीत मंचक सुपरिचित कलाकार किरण झा, रंजीत कुमार झा ओ सचिव नबोनारायण मिश्र संगहि गओलनि. तत्पश्चात मैथिल उद्योगपति कामदेव झा, शिक्षाविद भोगेन्द्र झा ओ मंचक अध्यक्ष जीबेन्द्र मिश्र अपन बात रखलनि. विदित हो जे अगिला आयोजन कोकिल मञ्च केर रजत जयन्ती वर्ष पर होयत. ताहि हेतु उपस्थित वक्ता लोकनि बेस उत्साहित देखल गेलाह. रंगकर्मी किरण झा अपन वक्तव्य रखैत कहलनि जे मैथिली रंगमंच कें जिया क' रखबा हेतु कोकिल मञ्च सजग अछि. नबोनारायण मिश्र अपन बक्तव्य मे कहलनि जे कोकिल मञ्च एतेक वर्ष मे गंगा झा केर निर्देशन मे लगातार नाट्य मंचन करैत आबि रहल अछि आ एहि सं मैथिली रंगकर्म कें बहुत बेसी बल भेटल अछि. ओ कहलनि जे हम सभ आगुओ अपन लक्ष्य पर अग्रसर रहब. कोकिल मञ्च केर उपाध्यक्ष रहल नरेंद्र कुमार झा केर मृत्यु पर किछु क्षणक मौन राखि शोक प्रकट कयल गेल.
भोरहि सं होइत बरखा सं कार्यक्रम शुरू होमय मे विलम्ब भेल आ दर्शक गंगा झा केर चुटुक्का केर बेस आनंद नहि ल' सकल. ज्ञात हो जे गंगा झा केर मैथिली चुटकुल्ला कोकिल मञ्च केर कार्यक्रमक मुख्य आकर्षण रहैत अछि. हालांकि गंगा झा जे समय भेटलनि किछु चुटकुल्ला सुनओलनि. अंजना इस्सर ओ विजय इस्सर गीत संगीत प्रस्तुत कयलनि. होलीक गीत सेहो गाओल गेल जे दर्शक बहुत बेसी पसीन कयलक. समय विपरीत रहितहुं प्रेक्षागृह मे पर्याप्त दर्शक उपस्थित छलाह जे स्पष्ट संकेत अछि जे नाट्यप्रेमी केर कोनो कमी नहि अछि.
भोरहि सं होइत बरखा सं कार्यक्रम शुरू होमय मे विलम्ब भेल आ दर्शक गंगा झा केर चुटुक्का केर बेस आनंद नहि ल' सकल. ज्ञात हो जे गंगा झा केर मैथिली चुटकुल्ला कोकिल मञ्च केर कार्यक्रमक मुख्य आकर्षण रहैत अछि. हालांकि गंगा झा जे समय भेटलनि किछु चुटकुल्ला सुनओलनि. अंजना इस्सर ओ विजय इस्सर गीत संगीत प्रस्तुत कयलनि. होलीक गीत सेहो गाओल गेल जे दर्शक बहुत बेसी पसीन कयलक. समय विपरीत रहितहुं प्रेक्षागृह मे पर्याप्त दर्शक उपस्थित छलाह जे स्पष्ट संकेत अछि जे नाट्यप्रेमी केर कोनो कमी नहि अछि.
परदेश सं घुरि गाम आयल युवा केर आँखि मे ग्राम विकास केर सपना ओ सपना कें पूरा करबाक जद्दोजहद आ एकर संग किछु ग्रामीण केर कुटचालि आदि सभक समिश्रण देखल गेल अरविन्द अक्कू केर नाटक अलख निरंजन मे. निर्देशक गंगा झा स्वयं अलख निरंजन केर भूमिका मे रहैत छथि जे खुफिया अधिकारी रहैत अछि आ तांत्रिक भेख मे ग्रामीणक बीच रहैत अछि. तांत्रिक अंत धरि सस्पेंस बनौने रखबा मे सफल रहैत अछि. नाटकक पृष्टभूमि एकरा पहिल दृश्य सं दर्शक कें अपना सं जोड़ि लेइत अछि. नाटक केर संवाद आदि बेस चोटगर अछि आ अंतिम दृश्य धरि दर्शक कें अपना सं जोड़ने रखबा मे सफल अछि. गंगा झा केर निर्देशन मे नाटक आओर बेसी उभरि क' मंच पर आयल आ बेर बेर दर्शकक ताली प्रेक्षागृह मे गुंजैत रहल.
गंगा झा केर निर्देशन मे मंचित एहि नाटक मे गंगा सहित रंजीत कुमार झा, प्रकाश मिश्र, राजीव मिश्र, उग्रकांत मिश्र, आनंद किशोर ठाकुर, तारकेश्वर चौधरी, मिथिलेश मिश्र, राहुल कुमार झा, सुधा चन्द्र झा, संजय ठाकुर, सुश्री मानसी, श्रीमती माला विभिन्न भूमिका अदा कयलनि. नाट्य कलाकार लोकनि दर्शक पर अपन अभिनयक छाप छोड़बा मे सफल रहलाह. (Report: मिथिमीडिया ब्यूरो)
गंगा झा केर निर्देशन मे मंचित एहि नाटक मे गंगा सहित रंजीत कुमार झा, प्रकाश मिश्र, राजीव मिश्र, उग्रकांत मिश्र, आनंद किशोर ठाकुर, तारकेश्वर चौधरी, मिथिलेश मिश्र, राहुल कुमार झा, सुधा चन्द्र झा, संजय ठाकुर, सुश्री मानसी, श्रीमती माला विभिन्न भूमिका अदा कयलनि. नाट्य कलाकार लोकनि दर्शक पर अपन अभिनयक छाप छोड़बा मे सफल रहलाह. (Report: मिथिमीडिया ब्यूरो)