माँ कें सब मिलि करू जयकार
ढोल मृदंग लऽ झालि झंकार
झूमि झूमि नाचू लागल दरबार
अम्बे चरण जल कंठ भीजाबू
कलश बैसा जननीकेँ मनाबू
नौ दिन पूजन बंदन करियौ
भव सागर क्षण हएत पार
माँ कें सब मिलि करू जयकार
धन्य धान्य सँ पूर्ण जीवन
दुर्गा नामक साँझ भोर तीमन
बुढ़ पुरान नेना आ जुआन
कर जोड़ि ठाढ़ सकल परिवार
माँ कें सब मिलि करू जयकार
चुनरी फूल लऽ माँ कें सजाबू
हलुआ आ पूरीक भोग लगाबू
कपूर गुगुल लऽ आरती गबियौ
माथ झुका करू जय जयकार
— अमित मिश्र
ढोल मृदंग लऽ झालि झंकार
झूमि झूमि नाचू लागल दरबार
अम्बे चरण जल कंठ भीजाबू
कलश बैसा जननीकेँ मनाबू
नौ दिन पूजन बंदन करियौ
भव सागर क्षण हएत पार
माँ कें सब मिलि करू जयकार
धन्य धान्य सँ पूर्ण जीवन
दुर्गा नामक साँझ भोर तीमन
बुढ़ पुरान नेना आ जुआन
कर जोड़ि ठाढ़ सकल परिवार
माँ कें सब मिलि करू जयकार
चुनरी फूल लऽ माँ कें सजाबू
हलुआ आ पूरीक भोग लगाबू
कपूर गुगुल लऽ आरती गबियौ
माथ झुका करू जय जयकार
— अमित मिश्र