(बाम सं) सुभाषचन्द्र यादव, गोविन्द झा, माया बाबू, रामलोचन ठाकुर। (फ़ाइल फोटो) |
> चेतना समिति, पटना द्वारा शोककसभाक आयोजन
पटना.
मैथिली आ हिन्दीक महान साहित्यकार साहित्य अकादेमीसँ पुरस्कृत प्रो
मायानन्द मिश्रक स्मृतिमे चेतना समिति, पटनाक तत्त्वावधानमे 5 सितम्बर कें एक शोककसभाक
आयोजन कएल गेल. शोकसभाक अध्यक्षता योगेन्द्र नारायण मल्लिक कएलनि. उमेश
मिश्र आगत महानुभावक स्वागत आ’ डा. रमानन्द झा ‘रमण’ सभाक संचालन कएल. प्रो.
सुरेश्वर झा, मन्त्रेश्वर झा, विवेकानन्द झा, कर्मेन्दु शिशिर, अशोक, डा.
प्रेमलतामिश्र ‘प्रेम’, विकासकुमार झा, डा. कलानाथ मिश्र, रामसेवक राय,
बच्चा ठाकुर, जगदीशचन्द्र ठाकुर ‘अनिल’, गंगानाथ गंगेश, प्रेमकान्त झा,
सुकान्त सोम, डा. वीणाधर झा, गणेश झा, बैद्य गणतिनाथ झा, सतीषचन्द्र झा,
डा. रामनारायण सिंह, डा.मेधाकरझा, डा.रानी झा, जयनारायाण ठाकुर, चन्द्रनाथ
झा, डा.कमल मोहन चुन्नू, सुभद्र ठाकुर आदि माया बाबूक चित्र पर माल्यार्पण
कए श्रद्धांजलि अर्पित कएल.
वक्ता सभक कहब छल जे माया बाबूक निधनसँ भारतीय साहित्यक अपूरणीय क्षति
भेल अछि. राष्ट्रीय स्तरपर ओ चिन्हार छलाह, ओ मैथिली गीत साहित्यकेँ
उत्कर्ष देल, आकाशवाणी, पटनाक अपन कार्यकालमे ओ रेडियो नाटकमे नव तकनीकक
प्रयोग कएल, छात्र जीवनहि सँ मैथिली आ’ हिन्दी मंचक ओ आकर्षण छलाह, हुनक
वाणीमे हुनकर व्यक्तित्वहि जकाँ आकर्षण छल, हुनकर गाम तँ कोसीमे विलीन भए
गेल मुदा उपन्यास ‘माटी के लोग और सोने की चिड़िया’ मे सुरक्षित अछि, कविता
संग्रह ‘दिशान्तरमे ओ मैथिली नव कविता कें अर्थवत्ता प्रदान कएल. हुनकर
हास्यप्रियता दर्शन प्रथम कृति ‘भांगक लोटा’मे सहज सुलभ अछि.
‘चन्द्रबिन्दु’ कथा संग्रहमे मायाबाबूक परिवेश मुखरित अछि. ‘अकथकथा’ हुनक
समयक दर्पण थिक, ओ भारतीय संस्कृति एवं परम्पराक अन्वेषण कए मन्त्रपुत्र, ‘प्रथम
शैलपुत्री च’, स्त्रीधन’ आदि सन महत्त्वपूर्ण उपन्यासक सृजन कएल. रघुवीर
मोची द्वारा आगत वक्ताक प्रति धन्यवाद ज्ञापन एवं मायाबाबूक आत्माक शान्तिक
हेतु मौनक संग शोकसभाक समापन भेल. (Report/Photo: डा. रमानन्द झा ‘रमण’)