कलकतिया समकालीन साहित्य पर पोथी !

कलकत्ता. कलकतिया समकालीन साहित्य कें पोथी मे समेटबाक प्रयास तेज भ' गेल अछि. मैथिली साहित्य मे एहि महानगरक अवदान कें नकारल नहि जा सकैत अछि. सदति कलकतिया साहित्यकार लोकनि मैथिलीक श्रीवृद्धि मे तत्पर रहलाह अछि. वर्त्तमान मे सेहो एतय लगभग तीन दर्जन साहित्यकार साहित्य सृजन मे लागल छथि. एहि सभ कें धियान मे रखैत मैथिली समकालीन साहित्य कें पोथी मे समेटबा हेतु शनिदिन 31 अगस्त कें सांझ 5 बजे सं विचार गोष्ठी आयोजित भेल. गोष्ठी मे युवा साहित्यकार लोकनि अपन-अपन विचार राखल. गद्य-पद्य कें एकठाम एक पोथी मे समाहित कयल जायत जाहि मे कलकत्ता मे सृजनशील साहित्यकार लोकनिक प्रतिनिधि रचना रहत. मैथिली साहित्य मे कलकत्ता केर अवदान कें विश्वक सोझाँ मे रखबाक नीक प्रयास अछि ई. विचार भेल जे पोथी मे नवतुरिया सं ल' वयोवृद्ध साहित्यकार लोकनिक रचना रहत जे वर्तमानो मे सृजनशील छथि. 
गोष्ठी कॉलेज स्क्वायर मे आयोजित भेल जाहि मे मिथिलेश कुमार झा, आमोद कुमार झा, अमर भारती, रूपेश त्योंथ, राजीव रंजन मिश्र, चन्दन कुमार झा, भास्कर झा आदि साहित्यकार लोकनि जुटल छलाह. समस्त विचारक बाद रचना संग्रहण शुरू क' देल गेल अछि आ एहि मादें दोसर बैसार पोथी कें प्रेस मे पठयबा सं पहिने होयत. जओं ई प्रयास सफल रहल त' कलकतिया मैथिली साहित्य मे नव अध्याय जुड़त.   
संपूर्ण कार्यक्रम मे मायाबाबू केर चर्चा पसरल रहल. उपस्थित समस्त कलमजीवी लोकनि माया बाबूक प्रति श्रद्धा प्रकट कयलनि. ज्ञात हो जे शनिदिन भोरे पटना मे प्रसिद्ध मैथिली साहित्यकार मायानंद मिश्र केर निधन भ' गेलनि. 
(Report:  मिथिमीडिया ब्यूरो) 
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