नव दिल्ली. संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मैथिली भाषा मे प्रथम रेपर्टरी के रूप मे मान्यताप्राप्त संस्था मैलोरंग (मैथिली लोक रंग) द्वारा समय-समय पर मंचित नाटकक आयोजन स' दिल्ली आ लगीचक क्षेत्र केर कलाप्रेमी लोकनि बेस लाभान्वित भ' रहलाह अछि. मैलोरंग द्वारा टटका मने २५ अगस्त २०१३ ( रविदिन) क' दिल्ली मण्डी हाउस स्थित श्रीराम सेंटर मे आयोजित नव नाटक "मणिमंजरी" केर आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न भेल आ एहि सद्प्रयास हेतु मैलोरंगक रंगकर्मी (सभ सदस्य) लोकनि सहर्ष साधुवाद केर पात्र छथि.
छह सए बरख पूर्व महाकवि कृत ई नाटक मूल रूप स' संस्कृत भाखा मे छल जकर मैथिली मे प्रथम अनुवाद डा. चन्द्रधर झा द्वारा कयल गेल आ तकर प्रस्तुति आलेख एवं सम्पादन मैथिली रंगमंच केर युवा निर्देशक प्रकाश झा (निदेशक-मैलोरंग) केलनि अछि. प्रकाश झा केर सम्बन्ध मे कहब ई आवश्यक जे मैथिली रंगमंच केर क्षेत्र मे हिनक योगदान, समर्पणता, लगनशीलता, कर्मठता, कुशल नेतृत्व, कुशल निर्देशन आ नव-नव प्रयोग अविस्मरणीय आ प्रशंसनीय रहल.
रूप माधुर्य आ श्रृंगार रस पर आधारित एहि नाटकक कथा मुख्य रूप स' नायिका प्रधान छल जाहि मे "मणिमंजरी" नामक एक वैश्य कन्या जिनक रूप सौंदर्य देखि राजा चन्द्रसेन प्रेमाभिभूत भ' जाइत छथि मुदा हुनक पटरानी पद्मावती कें ई सम्बन्ध अस्वीकार्य छलनि. राजा चन्द्रसेन कें मित्र माकन्द आ सेविका कलिकंठिका कें प्रयास स' पद्मावती अपन स्वामिक खुशी के कारणें एहि सम्बन्ध कें स्वीकारि अपन वेदना कें मोनेमोन घोंटि "मणिमंजरी"क छोट बहिनक स्थान देइत अपन स्वामी केर संग पाणिग्रहन करौलनि.
नाटकक अंत त' बहुत सुखद रहल मुदा पुनः एक तार्किक प्रश्न ई जे नारी केर स्वभाव त' आदिएकाल स' त्यागक रहल अछि, तैं की एकरा नारीक मर्यादा केर उपेक्षा वा नारीक महानता बुझल जाए?
महाकवि विद्यापतिक शब्द लालित्य आ भाखाक पाण्डित्य स्पष्ट झलैक रहल छल. शब्दक क्लिष्ठता कें एतेक सहजरूपें प्रस्तुत करबाक पाँछाँ पूर्वाभ्यास आ रंगकर्मी लोकनिक मेहनैत आ परिपक्वता केर परिचय स्वयं दृष्टिगोचर होइत छल. एहि नाटक मे पात्रक भूमिका मे जे छलाह/छलीह-मैलोरंगक वरिष्ठ रंगकर्मी मुकेश झा (राजा चन्द्रसेन), ज्योति झा (रानी पद्मावती), प्रियदर्शनी पूजा (मणिमन्जरी आ नटी) हिनक पहिल नाटक छल, प्रवीण कुमार 'सिंटू' (चन्द्रकांत वैश्य आ नट), अनिल मिश्रा (आकाशवाणी),जितेन्द्र झा (मित्र माकन्द),संतोष कुमार (प्रियवद कंचुकी),मनोज पाण्डे (राजा वसंतराज),अमित कुमार (महामंत्री), नीरा कुमारी (सखि कुन्दलतिका), प्रेमलता(सखि कलकंठिका), रश्मि (सखि कनकलता), रमण कुमार(प्रतिहारी १ आ नर्तक १), विपुल कुमार (प्रतिहारी २) आ प्रवीण कुमार (नर्तक २). मंचक पाँछाँ कें कलाकार जिनक अद्भुत योगदान छल- संतोष कुमार (निर्देशन सहायक),अमरजीत राय (अभिनय प्रशिक्षण आ प्रकाश संयोजन),अनिल मिश्रा (उच्चारण दिग्दर्शन आ वस्त्र विन्यास), राजीव मिश्रा (ध्वनि संयोजन), मुकेश झा (प्रस्तुति प्रबंधन आ मुख सज्जा) राजीव रंजन झा (मुख्य स्वर), दीपक ठाकुर(संगीत परिकल्पना आ मुख सज्जा), प्रियदर्शनी पूजा (नृत्य परिकल्पना) आ मो. दाउद राइन, संतोष कुमार,रमण कुमार, मनोज पाण्डे, अजित, अमित, विपुल आदि (संगीत वादक) केर रूप मे. सभटा कलाकार अनुशासित आ प्रशिक्षित छलाह जकर परिणामस्वरूप ई आयोजन पूर्ण सफल रहल.
कार्यक्रम प्रारंभ हेबा स' पूर्व प्रेक्षागृह मे "प्रिय पाहुन" नामक मैथिली विवाहक एलबम कैसेट केर गीत गुंजायमान भ' रहल छल. ई मधुर स्वर छल मैथिली केर चित-परिचित गायिका 'अंशुमाला झा'क जे कि विगत २० अगस्त २०१३ क' हमरा लोकनि कें तजि स्वर्गवास भ' गेलीह. हिनक असामयिक निधन स' सम्पूर्ण मैथिल समाज आहत अछि आ हिनका प्रति कृतज्ञता प्रगट करैत मैलोरंग एवं उपस्थित प्रेक्षक दिस स' फोटो पर माल्यार्पण करैत दू मिनट केर मौन राखि श्रद्धांजलि सभा केर आयोजन सेहो कयल गेल.
नाटकक आयोजनक पश्चात आमंत्रित अतिथि-अजीत दूबे (उपाध्यक्ष, मैथिली-भोजपुरी साहित्य अकादमी), एस. के. झा (महाप्रबंधक, ओ.एन. जी. सी.) आ सी. एम. झा (कुलपति,सी. एम. जे. यूनिवर्सिटी आ सम्पादक, मिथिला आवाज़) नाटकक सन्दर्भ मे अपन अपन प्रकाश देलनि. उपस्थित अतिथि मे छलाह-आनंद कुमार झा, अजित आज़ाद (पटना), कमल मोहन चुन्नू (पटना), अशोक झा(कोलकाता), विजय चन्द्र झा (अध्यक्ष, अखिल भारतीय मिथिला संघ) आदि आ मैलोरंगक संस्थापक सदस्य देव शंकर नवीन. मैलोरंगक वरिष्ठ संस्थापक सदस्य गंगेश गुंजन धन्यवाद ज्ञापित करैत समस्त प्रेक्षक, कलाकार आ अतिथि लोकनिक आभार व्यक्त केलनि.
एहि अवसर पर मैलोरंग केर दू टा नियमित पुरस्कार केर घोषणा कयल गेल जाहि मे ज्योतिरीश्वर सम्मानक लेल भंगिमा केर निर्देशक कुणाल जी कें आ श्रीकान्त मंडल सम्मान अभिनेता संतोष कुमार कें. मैलोरंग द्वारा प्रस्तावित अंशुमाला झाक नाम पर पुरस्कारक घोषणा कें आगू बढि स्वीकारलनि मिथिला आवाज़क सम्पादक सी. एम. झा जे कि पच्चीस हज़ार रुपैया प्रतिवर्ष मैलोरंगक मंच स' देबाक घोषणा केलनि. (Report/ Photo: मनीष झा 'बौआभाइ')
छह सए बरख पूर्व महाकवि कृत ई नाटक मूल रूप स' संस्कृत भाखा मे छल जकर मैथिली मे प्रथम अनुवाद डा. चन्द्रधर झा द्वारा कयल गेल आ तकर प्रस्तुति आलेख एवं सम्पादन मैथिली रंगमंच केर युवा निर्देशक प्रकाश झा (निदेशक-मैलोरंग) केलनि अछि. प्रकाश झा केर सम्बन्ध मे कहब ई आवश्यक जे मैथिली रंगमंच केर क्षेत्र मे हिनक योगदान, समर्पणता, लगनशीलता, कर्मठता, कुशल नेतृत्व, कुशल निर्देशन आ नव-नव प्रयोग अविस्मरणीय आ प्रशंसनीय रहल.
रूप माधुर्य आ श्रृंगार रस पर आधारित एहि नाटकक कथा मुख्य रूप स' नायिका प्रधान छल जाहि मे "मणिमंजरी" नामक एक वैश्य कन्या जिनक रूप सौंदर्य देखि राजा चन्द्रसेन प्रेमाभिभूत भ' जाइत छथि मुदा हुनक पटरानी पद्मावती कें ई सम्बन्ध अस्वीकार्य छलनि. राजा चन्द्रसेन कें मित्र माकन्द आ सेविका कलिकंठिका कें प्रयास स' पद्मावती अपन स्वामिक खुशी के कारणें एहि सम्बन्ध कें स्वीकारि अपन वेदना कें मोनेमोन घोंटि "मणिमंजरी"क छोट बहिनक स्थान देइत अपन स्वामी केर संग पाणिग्रहन करौलनि.
नाटकक अंत त' बहुत सुखद रहल मुदा पुनः एक तार्किक प्रश्न ई जे नारी केर स्वभाव त' आदिएकाल स' त्यागक रहल अछि, तैं की एकरा नारीक मर्यादा केर उपेक्षा वा नारीक महानता बुझल जाए?
महाकवि विद्यापतिक शब्द लालित्य आ भाखाक पाण्डित्य स्पष्ट झलैक रहल छल. शब्दक क्लिष्ठता कें एतेक सहजरूपें प्रस्तुत करबाक पाँछाँ पूर्वाभ्यास आ रंगकर्मी लोकनिक मेहनैत आ परिपक्वता केर परिचय स्वयं दृष्टिगोचर होइत छल. एहि नाटक मे पात्रक भूमिका मे जे छलाह/छलीह-मैलोरंगक वरिष्ठ रंगकर्मी मुकेश झा (राजा चन्द्रसेन), ज्योति झा (रानी पद्मावती), प्रियदर्शनी पूजा (मणिमन्जरी आ नटी) हिनक पहिल नाटक छल, प्रवीण कुमार 'सिंटू' (चन्द्रकांत वैश्य आ नट), अनिल मिश्रा (आकाशवाणी),जितेन्द्र झा (मित्र माकन्द),संतोष कुमार (प्रियवद कंचुकी),मनोज पाण्डे (राजा वसंतराज),अमित कुमार (महामंत्री), नीरा कुमारी (सखि कुन्दलतिका), प्रेमलता(सखि कलकंठिका), रश्मि (सखि कनकलता), रमण कुमार(प्रतिहारी १ आ नर्तक १), विपुल कुमार (प्रतिहारी २) आ प्रवीण कुमार (नर्तक २). मंचक पाँछाँ कें कलाकार जिनक अद्भुत योगदान छल- संतोष कुमार (निर्देशन सहायक),अमरजीत राय (अभिनय प्रशिक्षण आ प्रकाश संयोजन),अनिल मिश्रा (उच्चारण दिग्दर्शन आ वस्त्र विन्यास), राजीव मिश्रा (ध्वनि संयोजन), मुकेश झा (प्रस्तुति प्रबंधन आ मुख सज्जा) राजीव रंजन झा (मुख्य स्वर), दीपक ठाकुर(संगीत परिकल्पना आ मुख सज्जा), प्रियदर्शनी पूजा (नृत्य परिकल्पना) आ मो. दाउद राइन, संतोष कुमार,रमण कुमार, मनोज पाण्डे, अजित, अमित, विपुल आदि (संगीत वादक) केर रूप मे. सभटा कलाकार अनुशासित आ प्रशिक्षित छलाह जकर परिणामस्वरूप ई आयोजन पूर्ण सफल रहल.
कार्यक्रम प्रारंभ हेबा स' पूर्व प्रेक्षागृह मे "प्रिय पाहुन" नामक मैथिली विवाहक एलबम कैसेट केर गीत गुंजायमान भ' रहल छल. ई मधुर स्वर छल मैथिली केर चित-परिचित गायिका 'अंशुमाला झा'क जे कि विगत २० अगस्त २०१३ क' हमरा लोकनि कें तजि स्वर्गवास भ' गेलीह. हिनक असामयिक निधन स' सम्पूर्ण मैथिल समाज आहत अछि आ हिनका प्रति कृतज्ञता प्रगट करैत मैलोरंग एवं उपस्थित प्रेक्षक दिस स' फोटो पर माल्यार्पण करैत दू मिनट केर मौन राखि श्रद्धांजलि सभा केर आयोजन सेहो कयल गेल.
नाटकक आयोजनक पश्चात आमंत्रित अतिथि-अजीत दूबे (उपाध्यक्ष, मैथिली-भोजपुरी साहित्य अकादमी), एस. के. झा (महाप्रबंधक, ओ.एन. जी. सी.) आ सी. एम. झा (कुलपति,सी. एम. जे. यूनिवर्सिटी आ सम्पादक, मिथिला आवाज़) नाटकक सन्दर्भ मे अपन अपन प्रकाश देलनि. उपस्थित अतिथि मे छलाह-आनंद कुमार झा, अजित आज़ाद (पटना), कमल मोहन चुन्नू (पटना), अशोक झा(कोलकाता), विजय चन्द्र झा (अध्यक्ष, अखिल भारतीय मिथिला संघ) आदि आ मैलोरंगक संस्थापक सदस्य देव शंकर नवीन. मैलोरंगक वरिष्ठ संस्थापक सदस्य गंगेश गुंजन धन्यवाद ज्ञापित करैत समस्त प्रेक्षक, कलाकार आ अतिथि लोकनिक आभार व्यक्त केलनि.
एहि अवसर पर मैलोरंग केर दू टा नियमित पुरस्कार केर घोषणा कयल गेल जाहि मे ज्योतिरीश्वर सम्मानक लेल भंगिमा केर निर्देशक कुणाल जी कें आ श्रीकान्त मंडल सम्मान अभिनेता संतोष कुमार कें. मैलोरंग द्वारा प्रस्तावित अंशुमाला झाक नाम पर पुरस्कारक घोषणा कें आगू बढि स्वीकारलनि मिथिला आवाज़क सम्पादक सी. एम. झा जे कि पच्चीस हज़ार रुपैया प्रतिवर्ष मैलोरंगक मंच स' देबाक घोषणा केलनि. (Report/ Photo: मनीष झा 'बौआभाइ')