कलकत्ता. देशक सांस्कृतिक राजधानी कलकत्ता मैथिल हेतु तीर्थ सं कम नहि अछि. मिथिला-मैथिली क्रियाकलाप कें बल प्रदान करबाक लेल नाट्यकर्म दिस अग्रसर भेल छलहुं. 6 दशक सं बेसी भ' गेल जखन कलकत्ता केर मैथिली रंगमंच जागल छल. बीच मे कने शिथिल भेल मुदा पुनः बुझना जा रहल अछि जे फेर दिन घुरत. रंगमंचीय गतिविधि देखि बहुत बेसी आह्लादित होइत छी. मैथिली रंगमंच कें बाट देखबैत रहत कलकत्ता.
उक्त बात मिथिला विकास परिषद् कोलकाता केर कार्यालय मे मंगलदिन सांझ प्रसिद्ध नाट्य-निर्देशक आ अभिनेता दयानाथ झा कहलनि. परिषद् द्वारा हुनक स्वागत आ वर्तमान महानगरीय स्थिति सं अवगत कराओल गेल.
दयानाथ झा उपस्थित लोकनि कें अपन आरंभिक नाट्य जिनगीक विषय मे बतओलनि. ओ कहलनि जे तहिया नाट्यकर्म गतिविधि कें बल प्रदान करबाक उद्देश्य सं होइत छल मुदा धीरे-धीरे महानगर एहि विधा मे नीक काज कयलक. बहुतो नव-नव मंच आ निर्देशक बहार भेलाह। बहुत रास नाटक मंचित भेल. ओ कहलनि जे कलकत्ता छूटल आ नाट्य संगी सभ सेहो बिसरि गेलाह.
वर्तमान मे हैदराबाद प्रवास मे रहनिहार दयानाथ झा कहलनि जे ओतय एक साहित्यिक मंच सक्रिय अछि. ओकर सफल सञ्चालनक बाद हुनक इच्छा छनि एक नाट्य मंच केर स्थापना करब. ओ कहलनि जे उमर केर एहि पड़ाव पर ओतेक बेसी उर्जावान रहब संभव नहि भ' पबैत अछि.
मिथिला विकास परिषद् केर राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक झा मिथिमीडिया कें जनओलनि जे दयानाथ झा हुनका सभ कें हाथ ध' मंच पर ल' गेल छथि. नाटक करबाक हेतु निर्देशन-अभिनय हिनके सं भेटल अछि. पूछल गेल पर जे प्रस्तावित नाट्य-महोत्सव मे दयानाथ झा उपस्थित होयताह? त' अशोक झा बतओलनि जे उद्घाटन दिन हिनक उपस्थिती निश्चित नहि अछि मुदा महोत्सव केर आन दिन ई उपस्थित रहताह.
ज्ञात हो जे दयानाथ झा, गुणनाथ झा आदि लोकनि कलकत्ता मे रंगकर्म कें प्राण फूंकने रहथि. आजुक परिदृश्य मे देखी त' मिथिला विकास परिषद् सहित कोकिल मंच, मिथियात्रिक-झंकार आदि संस्था रंगमंच हेतु सक्रिय अछि. संगहि मिथिला विकास परिषद् नाट्य महोत्सव क' रहल अछि जकर उद्घाटन 21 अप्रैल कें महाजाति सदन मे अशोक झा लिखित-निर्देशित नाटक 'कमउआ पूत' केर मंचन सं होयत. महोत्सव मे विभिन्न ठाम केर संस्था द्वारा सेहो नाटक खेलल जायत.
उक्त बात मिथिला विकास परिषद् कोलकाता केर कार्यालय मे मंगलदिन सांझ प्रसिद्ध नाट्य-निर्देशक आ अभिनेता दयानाथ झा कहलनि. परिषद् द्वारा हुनक स्वागत आ वर्तमान महानगरीय स्थिति सं अवगत कराओल गेल.
दयानाथ झा उपस्थित लोकनि कें अपन आरंभिक नाट्य जिनगीक विषय मे बतओलनि. ओ कहलनि जे तहिया नाट्यकर्म गतिविधि कें बल प्रदान करबाक उद्देश्य सं होइत छल मुदा धीरे-धीरे महानगर एहि विधा मे नीक काज कयलक. बहुतो नव-नव मंच आ निर्देशक बहार भेलाह। बहुत रास नाटक मंचित भेल. ओ कहलनि जे कलकत्ता छूटल आ नाट्य संगी सभ सेहो बिसरि गेलाह.
वर्तमान मे हैदराबाद प्रवास मे रहनिहार दयानाथ झा कहलनि जे ओतय एक साहित्यिक मंच सक्रिय अछि. ओकर सफल सञ्चालनक बाद हुनक इच्छा छनि एक नाट्य मंच केर स्थापना करब. ओ कहलनि जे उमर केर एहि पड़ाव पर ओतेक बेसी उर्जावान रहब संभव नहि भ' पबैत अछि.
मिथिला विकास परिषद् केर राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक झा मिथिमीडिया कें जनओलनि जे दयानाथ झा हुनका सभ कें हाथ ध' मंच पर ल' गेल छथि. नाटक करबाक हेतु निर्देशन-अभिनय हिनके सं भेटल अछि. पूछल गेल पर जे प्रस्तावित नाट्य-महोत्सव मे दयानाथ झा उपस्थित होयताह? त' अशोक झा बतओलनि जे उद्घाटन दिन हिनक उपस्थिती निश्चित नहि अछि मुदा महोत्सव केर आन दिन ई उपस्थित रहताह.
ज्ञात हो जे दयानाथ झा, गुणनाथ झा आदि लोकनि कलकत्ता मे रंगकर्म कें प्राण फूंकने रहथि. आजुक परिदृश्य मे देखी त' मिथिला विकास परिषद् सहित कोकिल मंच, मिथियात्रिक-झंकार आदि संस्था रंगमंच हेतु सक्रिय अछि. संगहि मिथिला विकास परिषद् नाट्य महोत्सव क' रहल अछि जकर उद्घाटन 21 अप्रैल कें महाजाति सदन मे अशोक झा लिखित-निर्देशित नाटक 'कमउआ पूत' केर मंचन सं होयत. महोत्सव मे विभिन्न ठाम केर संस्था द्वारा सेहो नाटक खेलल जायत.
(Report: मिथिमीडिया ब्यूरो)