स्वामी विवेकानंद केर 150म जयंती पर निकलल झाँकी Photo: बैद्यनाथ झा |
स्वामी
विवेकानंद केर नामे सं मोन मे श्रद्धा आ स्फूर्ति केर संचार होइत अछि. ओ
भारतक नैतिक एवं जीवन मूल्य कें विश्वक कोन-कोन धरि पहुंचओलनि आ जीवन
कें नव दिशा देलनि. 12 जनवरी कें समूचा देश मे स्वामी विवेकानंद केर जन्म
दिवस मनाओल जाइत अछि. स्वामी विवेकानंद
आधुनिक भारतक एक क्रांतिकारी संत भेल छथि. 12 जनवरी, 1863 कें कलकत्ता मे
जन्मल एहि युवा संन्यासीक मूल नाम नरेंद्र नाथ दत्त छल. ई नान्हिएटा मे
परमात्मा कें बुझबाक लेल प्रयत्नशील भेल छलाह. एही क्रम मे 1881 मे प्रथम
बेर रामकृष्ण परमहंस सं भेंट कयलनि आ हुनका गुरु स्वीकार क'
अध्यात्म-यात्रा पर विदा भेलाह. एहि बेर स्वामी विवेकानंद केर 150म जन्मजयंती मनाओल जा रहल अछि.
स्वामी विवेकानंद 11 सितंबर, 1883 कें शिकागो केर विश्व धर्म सम्मेलन मे उपस्थित भ' शून्य कें ब्रह्म सिद्ध कयलनि आ भारतीय धर्म दर्शन अद्वैत वेदांत केर श्रेष्ठताक डंका बजओलनि. अमेरिका मे चारि साल रहि धर्म-प्रचार कयलनि आ 1887 मे भारत आबि गेलाह. बाद मे 18 नवंबर,1896 कें लंदन मे अपन एक व्याख्यान मे कहने छलाह जे मनुष्य जतेक स्वार्थी होइछ ओतेक अनैतिक सेहो भ' जाइत अछि.
1902 मे मात्र 39 वर्षक अवस्था मे स्वामी विवेकानंद महासमाधि मे लीन भ' गेलाह. हुनका द्वारा कहल बात आइयो ओहिना प्रेरणादायी अछि. वएह कहने छलाह जे ’उठू, जागू आ अपन लक्ष्य प्राप्ति सं पहिने जुनि अटकू'. — मिथिमीडिया डेस्क
स्वामी विवेकानंद 11 सितंबर, 1883 कें शिकागो केर विश्व धर्म सम्मेलन मे उपस्थित भ' शून्य कें ब्रह्म सिद्ध कयलनि आ भारतीय धर्म दर्शन अद्वैत वेदांत केर श्रेष्ठताक डंका बजओलनि. अमेरिका मे चारि साल रहि धर्म-प्रचार कयलनि आ 1887 मे भारत आबि गेलाह. बाद मे 18 नवंबर,1896 कें लंदन मे अपन एक व्याख्यान मे कहने छलाह जे मनुष्य जतेक स्वार्थी होइछ ओतेक अनैतिक सेहो भ' जाइत अछि.
1902 मे मात्र 39 वर्षक अवस्था मे स्वामी विवेकानंद महासमाधि मे लीन भ' गेलाह. हुनका द्वारा कहल बात आइयो ओहिना प्रेरणादायी अछि. वएह कहने छलाह जे ’उठू, जागू आ अपन लक्ष्य प्राप्ति सं पहिने जुनि अटकू'. — मिथिमीडिया डेस्क
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