गोहाटी. मिथिला सांस्कृतिक समन्वय समिति,
गोहाटी द्वारा दू-दिन विद्यापति पर्व समारोह आयोजित कएल गेल जाहिमे पहिल
दिन स्थानीय जैन भवनसँ कामख्याधरि मिथिला आ' असमिया संस्कृति-परंपराकेँ
झलकबैत पदयात्राक आयोजन कएल गेल. दोसर दिन सकाल दस बजेसँ डॉ.बासुकीनाथ झाक
अध्यक्षतामे "मिथिलाक नारीः अतीत, वर्तमान ओ' भविष्य" विषयपर एकटा
विचारगोष्ठी भेल जाहिमे विभिन्न वक्ता लोकनि मिथिलाक नारीक दशा पर अपन-अपन
विचार देलनि. निक्की प्रियदर्शिनी आ' रेवती मिश्र प्राचीनकाल सँ वर्तमानधरि
मैथिलानीक गौरवमयी इतिहास आ' कीर्तिकेँ बेस प्रभावी ढंगसँ रखलनि. पंचानन
मिश्रक आलेख मैथिलानीसँ संबंधित प्रायः सभ पक्षपर इजोत देइत भेटल. डॉ.अशोक
कुमार मेहता मैथिलानीक त्याग आ' समर्पणक भावनाकेँ प्रकाशित करैत कहलनि जे
मिथिलाक नारी केवल जनकक बेटीक रूपमे अपन कर्तव्यक पालन करैत अपन व्यक्तित्व
रामक (पुरूष) पत्नीक रूपमे समर्पित करैत एलीह अछि. रत्नेश्वर झा
मैथिलानीकेँ मैथिलत्वक संवाहिका ओ संरक्षिका बतौलनि. गोष्ठीक अध्यक्षता
करैत डॉ.बासुकीनाथ झा कहलनि जे मिथिलामे नारीक सतत् सम्मानीय स्थान रहल आ'
तैँ एकरा उचित सम्मान भेटैक. ललित कुमार झा मैथिलानीक मिथिलाक लोक जीवनपर
प्रभावक व्याख्या कयलनि. कार्यक्रममे एम.के.मिश्रा एवं अरुणाभ सौरभ सेहो
अपन मनतव्य रखलनि.
कार्यक्रमक दोसर चरण दुपहर तीन बजेसँ प्रारंभ भेल जकर उद्घाटन असम सरकारक, संस्कृति विभागक निदेशिका, डॉ.मधुरिमा बरुआ सेन दीप प्रज्ज्वलित कए कयलनि. कोनो मैथिली कार्यक्रममे पहिल बेर सहभागी भेल डॉ.मधुरिमा सेन विद्यापतिसँ विशेष प्रभावित प्रतीत भेलीह. ओ मिथिला आ' असमिया संस्कृतिक उत्थानक हेतु सांस्कृतिक आदान-प्रदानपर जोर देलीह. संगहि विद्यापतिक चर्चा करैत कहलीह जे पूर्वी तथा पूर्वोत्तर लोकभाषामे विद्यापतिक बेछप प्रभाव अछि. डॉ.सेन विद्यापति पदावलीक असमियामे अनुवादक आश्वासन सेहो देलनि. कार्यक्रमक अध्यक्षता करैत डॉ.बासुकीनाथ झा विद्यापतिकेँ संबंधमे कहलाह जे संस्कृतक प्रकाण्ड विद्वान होइतहुँ ओ लोकभाषामे कालजयी रचना कएलनि जे हुनका हरेक कालमे प्रासंगिक बनबैत अछि. एहि अवसरपर डॉ.बासुकीनाथ झा एवं विजय चंद्र झाकेँ प्रसस्तिपत्र एवं पाग-दोपटा पहिराय समिति द्वारा सम्मान कएल गेल. एहिसँ पूर्व आगत-अतिथिकेँ स्वागत करैत समितिक अध्यक्ष डॉ.प्रेमकांत चौधरी भवन निर्माण एवं आपसमे सौहार्दपूर्ण वातावरण निर्माणकए जीवनयापनक आह्वान कएलनि. कार्यक्रमक एहि सत्रक संचालन समितिक सांस्कृतिक उपाध्यक्ष जगनिवास झा कयलनि.
कार्यक्रमक अंतिम चरणमे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन भेल जकर शुरुआत गोसाउनिक गीतसँ भेल. तकर बाद धरोहर मंचक रमेश रंजनक नेतृत्वमे प्रस्तुत भावनृत्य कार्यक्रमकेँ जुआन केलक. फेर डॉ.नलिनी चौधरीक विद्यापति गीत पर आधारित कूची-पूड़ी नृत्य दर्शककेँ भारतीय संस्कृतिक विशिष्टता अनेकतामे एकताक आभास करौलक. असमिया कलाकार जय कुमार मेधी विद्यापतिक तीन गोट रचना पर अपन नृत्य प्रस्तुत कऽ दर्शककेँ आह्लादित केलाह. एकर अलावे गायक-कलाकार दिलीप दरभंगिया आ' पूनम मिश्र केर गीत सेहो दर्शककेँ झूमबैत रहल. कार्यक्रमक संचालन रामसेवक ठाकुर कएलनि. (Report: मिथिमीडिया ब्यूरो)
कार्यक्रमक दोसर चरण दुपहर तीन बजेसँ प्रारंभ भेल जकर उद्घाटन असम सरकारक, संस्कृति विभागक निदेशिका, डॉ.मधुरिमा बरुआ सेन दीप प्रज्ज्वलित कए कयलनि. कोनो मैथिली कार्यक्रममे पहिल बेर सहभागी भेल डॉ.मधुरिमा सेन विद्यापतिसँ विशेष प्रभावित प्रतीत भेलीह. ओ मिथिला आ' असमिया संस्कृतिक उत्थानक हेतु सांस्कृतिक आदान-प्रदानपर जोर देलीह. संगहि विद्यापतिक चर्चा करैत कहलीह जे पूर्वी तथा पूर्वोत्तर लोकभाषामे विद्यापतिक बेछप प्रभाव अछि. डॉ.सेन विद्यापति पदावलीक असमियामे अनुवादक आश्वासन सेहो देलनि. कार्यक्रमक अध्यक्षता करैत डॉ.बासुकीनाथ झा विद्यापतिकेँ संबंधमे कहलाह जे संस्कृतक प्रकाण्ड विद्वान होइतहुँ ओ लोकभाषामे कालजयी रचना कएलनि जे हुनका हरेक कालमे प्रासंगिक बनबैत अछि. एहि अवसरपर डॉ.बासुकीनाथ झा एवं विजय चंद्र झाकेँ प्रसस्तिपत्र एवं पाग-दोपटा पहिराय समिति द्वारा सम्मान कएल गेल. एहिसँ पूर्व आगत-अतिथिकेँ स्वागत करैत समितिक अध्यक्ष डॉ.प्रेमकांत चौधरी भवन निर्माण एवं आपसमे सौहार्दपूर्ण वातावरण निर्माणकए जीवनयापनक आह्वान कएलनि. कार्यक्रमक एहि सत्रक संचालन समितिक सांस्कृतिक उपाध्यक्ष जगनिवास झा कयलनि.
कार्यक्रमक अंतिम चरणमे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन भेल जकर शुरुआत गोसाउनिक गीतसँ भेल. तकर बाद धरोहर मंचक रमेश रंजनक नेतृत्वमे प्रस्तुत भावनृत्य कार्यक्रमकेँ जुआन केलक. फेर डॉ.नलिनी चौधरीक विद्यापति गीत पर आधारित कूची-पूड़ी नृत्य दर्शककेँ भारतीय संस्कृतिक विशिष्टता अनेकतामे एकताक आभास करौलक. असमिया कलाकार जय कुमार मेधी विद्यापतिक तीन गोट रचना पर अपन नृत्य प्रस्तुत कऽ दर्शककेँ आह्लादित केलाह. एकर अलावे गायक-कलाकार दिलीप दरभंगिया आ' पूनम मिश्र केर गीत सेहो दर्शककेँ झूमबैत रहल. कार्यक्रमक संचालन रामसेवक ठाकुर कएलनि. (Report: मिथिमीडिया ब्यूरो)