नव दिल्ली. मैलोरंग द्वारा आयोजित पंचदिवसीय मलंगिया नाट्य महोत्सवक चारिम दिन माने 29
दिसंबर 2012 केर संध्या 6:30 बजे संस्था मिथिला विकास परिषद, कोलकाता
द्वारा अशोक झा केर निर्देशन मे नाटक 'जुआएल कनकनी' केर मंचन सफलतापूर्वक
संपन्न भेल. नाटक प्रारंभ हेबा स' पूर्व मंच संचालित करैत मैलोरंग केर
निदेशक प्रकाश झा दिल्ली मे भेल सामूहिक बलात्कार मे संलग्न आरोपी राक्षस
लोकनिक कुकृत्य कें घोर भर्त्सना केलनि आ एहि विकृतताक शिकार दामिनीक प्रति
शोक संवेदना व्यक्त करैत उपस्थित प्रेक्षक आ रंगकर्मी लोकनि दू मिनटक मौन
रखलनि. दिल्लीक एहि घटनाक कारणे यातायात मे बाधा स्वाभाविक छल तदुपरान्तो
भाषा प्रेमी लोकनिक उपस्थित संतोषपूर्ण रहल. मिथिला विकास परिषद, कोलकाता
केर भाषा प्रेम आ समर्पणताक अंदाज़ अही बात स' लगाओल जा सकैत अछि जे एहेन
जुआएल कनकनी बला शीतलहर मे अपन करीब डेढ़ दर्ज़न कलाकारक संग एहि महोत्सव कें
सफल बनेबा आ सहभागिता देबा लेल कोलकाता स' दिल्ली धरिक यात्रा तय केलनि.
नाटक अपन पूर्ण तैयारीक संग निर्धारित समय स' प्रारंभ भेल आ समाप्त होमय
काल धरि दर्शक कें अपना मे समेटि क' राख' मे सक्षम रहल. मलंगिया जीक कलम
समाजक ओहि केंद्र बिंदु धरि पहुंचल अछि जाहि ठाम धनक लालच मे कोनो व्यक्ति
कोन हद धरि नीच भ' सकैत अछि ताहि ह्रासित नैतिकता कें संवादक माध्यमें जाहि
रूप मे नाटक मे रखलनि अछि ओ निश्चित रूपे सराहनीय आ अदम्य साहसक द्योतक
अछि. नाटकक कथाक मुख्य सार ई जे नैतिक रूप सं भ्रष्ट एक परिवार जाहि मे एक
भाइ अपन जेठ भाइ कें जहर खुआ क' सर्पदंशक अफवाह पसारि ओकरा मृत्युक मुंह मे
धकेलि देइत छैक आ ओकर विधवा संग कुकृत्य क' ओकरा समाजक नज़रि मे नीच बना
देइत छै. विधवा कतेको बेर आत्महत्या करबाक प्रयास करैत अछि मुदा फूल सन
बेटाक मुंह ताकि विचार त्यागि देइत अछि आ ओहि दिनक प्रतीक्षा मे लागि जाइत
अछि जखन बेटा नमहर भ' क' एहि अत्याचारक प्रतिशोध लेतैक. बेटा जखन वयस्क होइ
छै त' समाज ओकरा आंगां माइयक एहि कुकृत्यक चर्चा करैत छै जाहि स' मर्माहत
भ' क' ओ माय स' घृणा कर' लगैत छै, मुदा जखन बेटा एहि सबस' आक्रोशित भ' क'
कनियाँ आ छोट भाइअक संग घर छोड़ि देबाक निर्णय लैत अछि त' माय दुखी भ' क'
जाहि बात कें बरखो सं मोन मे दबौने छल आइ उजागर नै करैत त' शायद बेटो हाथ
स' च'ल जइतै. बेटा विचलित मोन स' सब बात कें सुनैत तत्क्षण ओहि पित्तीक
ह्त्या करैत अछि जे नहि कि मात्र ओहि घरक वास्ते अपितु सम्पूर्ण मानव समाजक
लेल कलंक छल. नाटकक कथाक आधार पर जुआएल कनकनी स' अभिप्राय एक विधवाक
संचित वेदना अछि जे अंत-अंत धरि असह्य भ' जाइत अछि.
मिथिला विकास परिषदक
एहि नाटक कें सफल करबा मे जे कलाकार बीड़ा उठओने छलाह ताहि मे अग्रणी
छलाह एहि नाटकक निर्देशक अशोक झा (मुख्य नायक जीबू केर भूमिका मे), नारायण
ठाकुर, राघवेन्द्र झा, वन्दना झा, बेला झा, अशोक झा 'भोली', कुमारी अंजना
इस्सर आदि. पार्श्व संगीत-शान्ति सरकार, गायन-अपराजिता, अशोक झा 'भोली' आ
गोपीकांत झा 'मुन्ना', प्रकाश-समर बनर्जी आ सह-निर्देशन-शैल झा.
मैलोरंग दिस सं आजुक अतिथि अखिल भारतीय मिथिला संघ केर महासचिव विजय चन्द्र झा निर्देशक अशोक झा कें पुष्पगुच्छ, प्रशस्ति पत्र आ प्रतीक चिन्ह द' सम्मानित केलनि. अशोक झा दू शब्दक संबोधन मे मैलोरंग आ मलंगिया जीक प्रशंसा करैत कहलनि जे मैलोरंग मैथिली भाषा आ संस्कृति कें बचा राख' मे पूरजोर मेहनति क' रहल अछि आ मलंगिया हमरा लोकनिक जुगक मीलक पाथर (Milestone) छथि. एहि सुअवसर पर मैथिली साहित्यकार, रंगकर्मी आ आलोचक कमल मोहन चुन्नू सेहो उपस्थित छलाह जे कि मलंगिया जीक रचनात्मक शैली आ तकर उद्देश्य स' उपस्थित दर्शक कें अवगत करौलनि.
ज्ञात हो जे एहि महोत्सवक पाँचम आ अंतिम नाटक ओरिजनल काम केर मंचन 30 दिसंबर 2012 क' पूर्वनियोजित स्थान पर 6:30 बजे संध्या स' करबाक जिम्मा स्वयं मैलोरंगक रंगकर्मी लेने छथि जे कि प्रकाश झाक निर्देशन मे होयब सुनिश्चित अछि.
मैलोरंग दिस सं आजुक अतिथि अखिल भारतीय मिथिला संघ केर महासचिव विजय चन्द्र झा निर्देशक अशोक झा कें पुष्पगुच्छ, प्रशस्ति पत्र आ प्रतीक चिन्ह द' सम्मानित केलनि. अशोक झा दू शब्दक संबोधन मे मैलोरंग आ मलंगिया जीक प्रशंसा करैत कहलनि जे मैलोरंग मैथिली भाषा आ संस्कृति कें बचा राख' मे पूरजोर मेहनति क' रहल अछि आ मलंगिया हमरा लोकनिक जुगक मीलक पाथर (Milestone) छथि. एहि सुअवसर पर मैथिली साहित्यकार, रंगकर्मी आ आलोचक कमल मोहन चुन्नू सेहो उपस्थित छलाह जे कि मलंगिया जीक रचनात्मक शैली आ तकर उद्देश्य स' उपस्थित दर्शक कें अवगत करौलनि.
ज्ञात हो जे एहि महोत्सवक पाँचम आ अंतिम नाटक ओरिजनल काम केर मंचन 30 दिसंबर 2012 क' पूर्वनियोजित स्थान पर 6:30 बजे संध्या स' करबाक जिम्मा स्वयं मैलोरंगक रंगकर्मी लेने छथि जे कि प्रकाश झाक निर्देशन मे होयब सुनिश्चित अछि.
(Report/Photo: मनीष झा 'बौआभाइ')