नव दिल्ली. मैथिली
लोक
रंग/मैलोरंग द्वारा आयोजित मलंगिया नाट्य महोत्सव आइ सं शुरू होयत. महोत्सव कें ल' संपूर्ण तैयारी भ' चुकल अछि. मलंगिया
नाट्य महोत्सवक सफल सम्पादन हेतु कार्यकर्ता लोकनि बेस व्यस्त छथि.
नाटककार महेन्द्र मलंगिया ने मात्र भारतीय अपितु नेपालक मैथिल जनमानस पर
अपन नाटकक माध्यमे व्यापक प्रभाव बनौने छथि. जकर सद्यः
प्रमाण ई जे नेपालक प्रथम नागरिक अर्थात माननीय राष्ट्रपति महोदय रामबरन
यादव स्वयं एहि कार्यक्रमक कें सफल बनेबा हेतु उपस्थित रहताह. आइ उद्घाटन सत्र केर बाद महेंद्र मलंगिया द्वारा लिखित नाटक गाम नै सुतैइए नाट्य संस्था पंचकोसी, सहरसा द्वारा उत्पल झा केर निर्देशन मे मंचन कयल जायत.ज्ञात हो जे मैथिलीक विभिन्न नाट्यदल द्वारा महेन्द्र मलंगियाक विभिन्न नाटकक
प्रस्तुति 26-30 दिसम्बर, 2012 श्रीराम सेंटर, मण्डीहाउस, नव दिल्ली मे
कयल जायत. नाटकक प्रदर्शन 26-30 दिसम्बर नित सांझ 6 बजे सं होयत. नाट्यदल
देशक विभिन्न शहर सँ आमंत्रित कयल गेल अछि. नाटककार महेन्द्र मलंगिया पर
केन्द्रित एकटा भव्य संगोष्ठी एवं हुनक नाट्य रचना संचयनक संग
मूल्यांकनपरक पुस्तक नाटककार महेन्द्र मलंगिया : जीवन एवं सृजन सेहो
प्रकाशित होयत. एही वर्षक ज्योतिरीश्वर सम्मान सेहो महेन्द्र मलंगिया
कें देल जयतनि. मैलोरंग केर निदेशक ओ चर्चित नाट्य निर्देशक प्रकाश झा केर
अनुसार मलंगिया नाट्य महोत्सवमे भारतक संग नेपालक कुल पाँचटा नाट्य संगठन
नाटककार महेन्द्र मलंगिया लिखित विभिन्न नाटकक मंचन करत. मैथिली रंगमंचमे
एहि प्रकारक ई पहिल आयोजन थिक जे कि कोनो एक नाटककार पर केन्द्रित होइ. एहि
नाट्य महोत्सवमे नाटककार मलंगियाक चर्चित पाँच नाटक क्रमश: ओकरा आँगनक
बारहमासा, गाम नै सुतैए, छुतहा घैल, जुआयल कनकनी आ ओरिजनल काम चयनित कयल
गेल अछि. (Report: मिथिमीडिया ब्यूरो)