महोत्सव मे 'मैलोरंग'क 'ओरिजनल काम'

'ओरिजनल काम' केर प्रस्तुतिक बाद संबोधित करैत महेन्द्र मलंगिया 
नव दिल्ली. भारतक राजधानी दिल्ली मे मैथिली लोक रंग (मैलोरंग ) द्वारा आयोजित पंचदिवसीय मलंगिया नाट्य महोत्सवक पाँचम आ अंतिम नाटक 'ओरिजनल काम' केर सफलतापूर्वक संपादन भेल. मंच संचालक ऋषि कुमार झा नाटक प्रारंभ हेबा सं पूर्व आजुक पाहुन जे पी सिंह कें मंच पर आमंत्रित क' हुनका मैलोरंगक वरिष्ठ रंगकर्मी पवन कान्त झाक हाथे पुष्पगुच्छ आ प्रतीक चिन्ह सं सम्मानित करौलनि आ तत्पश्चात पाहुनक करकमल सं मैथिली रंगमंच, टीवी सीरियल आ फिल्म मे स्थापित अभिनेता आ युवा रंगकर्मी नीलेश दीपक कें 'रंगकर्मी श्रीकान्त मंडल सम्मान-2012' सं सम्मानित करौलनि. सम्मान प्राप्तिक क्रम मे नीलेश दीपक अपन अभिनय शुरुआत करबाक श्रेय मलंगियाजी कें देइत कहलनि जे धन्य छी हमरा लोकनि जे मलंगियाजी सन नाटककार कें लिखल नाटक मे अभिनय करबाक अवसर प्राप्त होइत अछि. मैलोरंग द्वारा पूर्व नियोजित नाटक अपन पूर्वनिर्धारित समय सं प्रारंभ भेल. दर्शकक उपस्थिति सं प्रेक्षागृह खचाखच भरल छल आ नाटक संपन्न हेबा काल धरि चुँइ शब्द नै कियो बाजल, बाजल त' मात्र थोपड़ी पर थोपड़ी आ लागल त' मात्र ठहक्का पर ठहक्का. 
'ओरिजनल काम' नाटक मे अभिनय करैत रंगकर्मी
ठेंठ देहाती टोन मे मैथिली, हिन्दी आ अंग्रेजी संवादक समावेश बेस रोचक रहल जे कखनो हँसबा पर आ छनहि मे कनबा पर सेहो विवश करैत छल. ई नाटक गामक ओहि परिवारक समस्या पर आधारित छैक जत' ज्ञानक अभाव मे घरक मुखिया छोड़ि कियो ई निर्धारित नहि क' पबैत अछि जे कोन काज केर प्राथमिकता कखन देल जाय वा कोन काजक नहि अर्थात ओरिजनल काम कोन छैक आ कोन समय पर कोन काज अत्यावश्यक. मलंगिया जीक नाटकक विशिष्टता ई छनि जे ग्रामीण परिवेशक ओहि विषय वस्तु कें सभक सोझा आनि रखै छथि जे कतबहु दिनक बाद मंचित होइत देखब तहियो वर्तमाने परिस्थितिक आभास कराओत. एहने सन किछु आभास ओरिजनल काम केर सन्दर्भ मे सेहो कहल जाय, जुग कतबहु आधुनिक भ' गेल हो मुदा ई गूढ़ गप्प एखनो धरि देखबा मे अबैत अछि से मात्र ग्रामीणे परिवेश मे नहि अपितु शहरी वातावरण मे सेहो दृष्टिगोचर होइत अछि. उक्त विषय पर मंचित एहि नाटकक निर्देशक छलाह प्रकाश झा, मुख्य नायकक भूमिका मे मुकेश झा (कम्पनी), नायिका ज्योति झा (स्त्री), अनिल मिश्रा (सफीक), प्रवीण कश्यप (उचितलाल), अमरजी राय (जीवलाल), अमित अकेला (शिवलाल), राधाकान्त (खूबलाल), राजीव मिश्रा (चन्द्रकान्त), दीपक ठाकुर (भगता), सोनिया झा (दारोगा) आ रॉकस्टार झा (गुरु)। भगैत आ रीदम-रमेश मल्लिक, ध्वनि संयोजन-राजीव मिश्रा, गायन-रॉकस्टार झा, अमरजी राय, अमित अकेला. उपरोक्त सभ कलाकार अपन अपन चरित्र कें पूर्ण इमानदारीक संग प्रस्तुत केलनि जकर सभस' पैघ प्रमाण छल जे दर्शक दीर्घा दिस स' अनवरत थोपड़ीक गड़गड़ाहटि. नाटक संपन्न भेलाक उपरान्त मैलोरंग दिस सं अभिनेता मुकेश झा आ ऋषि कुमार झा एहि आयोजन कें सफल बनेबा मे महीनो सं लागल कार्यकर्ता आ दूर-दूर स' आयल संस्था जे एहि महोत्सव मे भाग नेने छलाह हुनका लोकनिक आभार व्यक्त करैत समस्त दर्शक आ मीडियाकर्मीक सेहो आभार व्यक्त केलनि. (Report/Photo: मनीष झा 'बौआभाइ')
Previous Post Next Post