लाल-लाल-लाल
सगरो हल्ला मचल छल
ढहि गेल लाल
किला फतह भेल
तीन फूल आबि गेल
मुदा हीनता-दीनता,
जर्जर जुआनी,
सगरो हल्ला मचल छल
ढहि गेल लाल
किला फतह भेल
तीन फूल आबि गेल
मुदा हीनता-दीनता,
जर्जर जुआनी,
लज्जास्पद दुर्बलता
सुनसान भयानकताक बीच
रक्तकुंड जहिनाक तहिना अछि
सगरो आशंका चिंता
चीर-हरण आ अविश्वासक
कुहेस पसरल अछि,
घास पर उगल फूल
माँ , माटी आ मानुष
देखाओल गेल नव परिकल्पना
नवयुगक नव पचीसी,
खेलबाक सपना
मुदा,
छुछुआएल, लुलुआएल, हेरायल
आ वेदनाएल डेग ठमकि गेल
दस्तक छाह बढैत गेल
सपना मे आगि लागि गेल
सत्ताक मोद पिबिते
संकल्प बिसरा गेल
धोखा, आतंक, इज्जत-आबरू आ पीड़ासँ
लहासतुल्य पछाडल,
सुनसान भयानकताक बीच
रक्तकुंड जहिनाक तहिना अछि
सगरो आशंका चिंता
चीर-हरण आ अविश्वासक
कुहेस पसरल अछि,
घास पर उगल फूल
माँ , माटी आ मानुष
देखाओल गेल नव परिकल्पना
नवयुगक नव पचीसी,
खेलबाक सपना
मुदा,
छुछुआएल, लुलुआएल, हेरायल
आ वेदनाएल डेग ठमकि गेल
दस्तक छाह बढैत गेल
सपना मे आगि लागि गेल
सत्ताक मोद पिबिते
संकल्प बिसरा गेल
धोखा, आतंक, इज्जत-आबरू आ पीड़ासँ
लहासतुल्य पछाडल,
क्षण मे सोचैत छी
कोनाक' मुंह मे दही
ज नमा लिअ'
कोनाक' मुंह मे दही
ज नमा लिअ'
धधराक बीचो-बीच बढैत डेग
समयक आवाज
चिंतन गर्भ मे चेतनाक कण सभ
सुगबुगा रहल अछि
ताकि रहल बौद्धिक वेश्यावृतिक
शिकार सँ वंचित
ओहि स्रष्टाकेँ कें जे देशसँ
जीवनसंगी धरि
एकेटा मिलन स्थल बनाओत
आ पुनः
'इश्वर अल्लाह तेरे नाम
सबको सम्मति दे भगवान'क
नारा लगाओत
माँ, माटी, मानुष केर
वास्तविक अर्थ बुझाओत
— शैल झा
समयक आवाज
चिंतन गर्भ मे चेतनाक कण सभ
सुगबुगा रहल अछि
ताकि रहल बौद्धिक वेश्यावृतिक
शिकार सँ वंचित
ओहि स्रष्टाकेँ कें जे देशसँ
जीवनसंगी धरि
एकेटा मिलन स्थल बनाओत
आ पुनः
'इश्वर अल्लाह तेरे नाम
सबको सम्मति दे भगवान'क
नारा लगाओत
माँ, माटी, मानुष केर
वास्तविक अर्थ बुझाओत
— शैल झा