हुगली. मैथिली भाषा कें अष्टम अनुसूची मे शामिल होयबाक वार्षिकी अवसर पर
जानकी सेवा
संघ द्वारा अष्टयाम संकीर्तन एवं मैथिली दिवस (22-23 दिसंबर 2012)
मनाओल गेल. ज्ञातव्य हो जे 22
दिसंबर 2003 कें मैथिली संविधानक अष्टम अनुसूची मे अपन स्थान पओने छल, एहि
कार्यक्रम मे प्रसिद्ध साहित्यकार आ समाजसेवी लोकनि अपन
व्यक्तव्य रखलनि, जाहि मे साहित्यकार एवं प्रधान वक्ता नवीन चौधरी कहलनि
जे संस्कृतिक संरक्षण, भाषा, गीत, नृत्य -चित्रकला एवं मातृभाषा प्रति
आस्था
हेबाक चाही, मुदा संगीत असुरक्षित अछि! विशिष्ठ पाहुन (एडी
ऑफिसर-इन-चार्ज, आम्हस थाना कलकत्ता) मनोज कुमार झा कार्यक्रम
मे आमंत्रण लेल संस्था कें धन्यवाद देलनि. संस्थाक सचिव प्रदीप कुमार
मिश्र अपन प्रतिवेदन मे संस्थाक क्रियाकलाप पर इजोत देलनि, साहित्यकार
प्रफुल्ल कोलख्यान मिथिला पेंटिंग आ मधुबनी पेंटिंग केर भेद-भाव पर इजोत
देलनि. उद्योगपति जीवेन्द्र मिश्र शिक्षाक प्रसार समाजक निर्माण मे
सहभागी बनबाक प्रेरणा देलनि आ नवयुवक कें सभ क्षेत्र मे आगू अयबाक आह्वान
केलनि. वरिष्ठ साहित्यकार रामलोचन ठाकुर कहलनि जे मैथिलीक संस्कृति
आ संस्कार एखनो मैथिल महिला जीवित रखने छथि, ओ सब सोहर-समदाओन गबैत छथि।
हमर सभक वस्त्र बदलि गेल अछि मुदा भाषा वैह अछि. भवनाथ झा केर प्रश्न कें
जबाब देइत कहलनि जे मैथिली कें अष्ठम अनुसूची मे स्थान होयबाक कोनो एकटा
नाम जे कोना एहि दिन कें मनाओल जय से एखनो निश्चित नहि अछि. कार्यक्रम
गोसाओनिक गीत सं प्रारंभ भेल, दीप प्रज्ज्वलित रामलोचन ठाकुर केलनि.
उद्घोषक मे साहित्यकार आ
जानल-मानल रंगकर्मी भवनाथ झा छलाह. दोसर सत्र मे सांस्कृतिक
कार्यक्रम भेल जाहि मे गायक प्रवीण कुमार मिश्र (आकाशवाणी दरभंगा)
प्रस्तुति देलनि. संस्थाक अध्यक्ष
मनोज कुमार झा आ संयोजक राजकुमार झा बेस सक्रीय देखल गेलाह. (Report/Photo: प्रकाश झा)