किछु ने किछुत' आब चमत्कार हेबाक चाही
चाहे एहिपार आकि ओहिपार हेबाक चाही
टुटल लचरल आब रहब कतेक दिन
संगठित होमयक सहियार हेबाक चाही
आब ने एहितरहेँ बीतय निसि-वासर यौ
नेन्ना सँ बुढक मुहें ललकार हेबाक चाही
माय बहिन बेटी केर मुहें आब सगरो सँ
रणचंडी सन गर्जन हुंकार हेबाक चाही
सहैत रही ने आब बुरिबक बनि बैसल
ठामहिं ठाम जूल्मक प्रतिकार हेबाक चाही
मुहें टा सए ने मैथिल बनि रही एकसरे
मिथिला मैथिल सन व्यवहार हेबाक चाही
भेटत ने अधिकार बिना संघर्ष बुझि राखु
जन गन में पाबै क' उदगार हेबाक चाही
होईक सभक संग सभतरि सँ सभ रुपे
मुदा क्षण भरि में नै घनसार हेबाक चाही
छोट पैघ आ उंच नीचक आब छोड़ू भाभट
सबहक एक सन अधिकार हेबाक चाही
साल पैसठंम बीत रहल स्वतंत्र कहाँ छी
सरिपहुँ स्वतंत्रताक नियार हेबाक चाही
कहय "राजीव" नै हमरा सँ त' अहीं सँ बरू
मिथिला आ मैथिल केर उद्धार हेबाक चाही
चाहे एहिपार आकि ओहिपार हेबाक चाही
टुटल लचरल आब रहब कतेक दिन
संगठित होमयक सहियार हेबाक चाही
आब ने एहितरहेँ बीतय निसि-वासर यौ
नेन्ना सँ बुढक मुहें ललकार हेबाक चाही
माय बहिन बेटी केर मुहें आब सगरो सँ
रणचंडी सन गर्जन हुंकार हेबाक चाही
सहैत रही ने आब बुरिबक बनि बैसल
ठामहिं ठाम जूल्मक प्रतिकार हेबाक चाही
मुहें टा सए ने मैथिल बनि रही एकसरे
मिथिला मैथिल सन व्यवहार हेबाक चाही
भेटत ने अधिकार बिना संघर्ष बुझि राखु
जन गन में पाबै क' उदगार हेबाक चाही
होईक सभक संग सभतरि सँ सभ रुपे
मुदा क्षण भरि में नै घनसार हेबाक चाही
छोट पैघ आ उंच नीचक आब छोड़ू भाभट
सबहक एक सन अधिकार हेबाक चाही
साल पैसठंम बीत रहल स्वतंत्र कहाँ छी
सरिपहुँ स्वतंत्रताक नियार हेबाक चाही
कहय "राजीव" नै हमरा सँ त' अहीं सँ बरू
मिथिला आ मैथिल केर उद्धार हेबाक चाही