सेव्यमाना सदाभूयात सिद्धिदा सिद्धिदायनी॥
श्री
दुर्गा केर नवम् रूप श्री सिद्धिदात्री अछि. ई सभ प्रकारक सिद्धि देबयबाली
छथि. सिद्धिदात्री केर कृपा सं मनुष्य सभ प्रकारक सिद्धि प्राप्त क' मोक्ष
पयबाक मे सफल होइत अछि. मार्कण्डेयपुराण मे अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा,
प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व एवं वशित्वये आठ सिद्धि कहल गेल अछि. भगवती
सिद्धिदात्री उपरोक्त संपूर्ण सिद्धि अपन उपासक कें प्रदान करैत अछि. माँ
दुर्गा केर एहि अंतिम स्वरूप केर आराधनाक संगहि नवरात्र केर अनुष्ठानक
समापन होइत अछि.