भारतीय सिनेमाक सन्दर्भ मे गप्प करबाक प्रसंग मे श्याम बेनेगल हमरा मानस पटल पर बेर-बेर आबि जाइत छथि...सीमित संसाधन मे उत्कृष्ट काज देबाक सीख मैथिल निर्देशक लोकनि हिनका सँ ल' सकैत छथि. क्षेत्रीय भाषा'क सन्दर्भ मे आउ त' मराठी'क श्वास ऑस्कर लेल नामित भेल.बंगला'क तोहादेर कोथा हो व असमिया'क शंकरदेव नामक फिल्म वैश्विक पटल पर अपन उपस्थिति दर्ज करा चुकल अछि...तखन विश्वक समकालीन साहित्य सँ डेग मिला क' चलनिहार मैथिलीक फिल्म क्षेत्र मे एहन दु:स्थिति किएक...निर्माता वा अर्थव्यवस्था'क अभाव एकटा कारण छैक मुदा एहनो नहि छैक जे शून्यता'क स्थिति व्याप्त अछि . तखन फेर मैथिली मे एहन फिल्म'क नितांत अभाव किएक जकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा भ' सकय..जंओ चर्चित मैथिल मीडिया आ संस्कृतिकर्मी धीरेन्द्र प्रेमर्षि'क शब्द मे कही त' मैथिली फिल्म'क नाम पर बेसी लौल पूरा कयल जा रहल अछि.
1962 मे आरम्भ भेल मैथिली फिल्म'क दौर केर आधार पर पचासम वर्षगाँठ मनेबाक जतेक ढोल पीटि लेल जाय मुदा आधारभूत बात ई अछि जे मैथिली फिल्म उद्योग एखन ठाढ़ होयबाक स्थिति मे नहि आबि सकल अछि....ममता गाबय गीत सँ ल' क' एखन धरि जे काज सोझां आयल अछि ओहि मे ममता गाबय गीत, सस्ता जिनगी महग सेनुर, सिंदूरदान, कखन हरब दुःख मोर, मुखियाजी, सजना के अंगना मे सोलह सिंगार आदि कें सार्थक प्रयास अवस्से कहल जा सकैत अछि...मुदा तकरा बाद एकटा प्रश्न चिन्ह ठाढ़ होइत अछि....जे एना कतेक दिन ? मैथिली मे रक्त तिलक नामक लघु फिल्म बना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित मनोज श्रीपति, नैना जोगिन (राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सँ सम्मानित मैथिली/हिन्दी लघु फिल्म) केर निर्देशक प्रवीण कुमार एहन लोक'क आवश्यकता मैथिली फीचर फिल्म निर्माण कें छैक... ज्ञानेश्वर दुबे , सुनील-प्रवेश,धीरेन्द्र प्रेमर्षि सदृश मैथिली'क मौलिक संगीतकार'क सहयोग किएक नहि लेल जा रहल अछि...जनकपुर'क मिनाप, प्रतिविम्ब, पटना'क भंगिमा, सहरसा'क पंचकोसी, कोलकता'क कोकिल मंच वा दिल्ली'क मैलोरंग, मिथिलांगन एहन संस्था'क ऊर्जा सँ भरल अभिनेताक सदुपयोग सेहो मैथिली फिल्म लेल कयल जा सकैत अछि..फिल्म'क संवाद लेल महेंद्र मलंगिया, अरविन्द अक्कू, कुणाल, प्रदीप बिहारी, अजित आजाद आदि, गीत लेल सरस, राजेंद्र विमल, नवलजी, चंद्रमणि, जगदीश चन्द्र अनिल आदि गीतकार आदि कें जोडिए कें सार्थक मैथिली फिल्म'क परिकल्पना संभव छैक.... सतत मोन रहबाक चाही, जे मिथिलाक बाज़ार कें भने अश्लील करबाक प्रयत्न भ' रहल हो. मुदा एखनो सुच्चा मैथिली श्रोता आ दर्शक स्तरीयता'क पक्ष मे ठाढ़ अछि, जं से नहि रहितैक तं रेडियो कान्तिपुर'क हेल्लो मिथिला एतेक लोकप्रिय नहि भ' पबितैक... तें मैथिली सिनेमाक कथित पचासम वर्ष पर सोचबाक बेगरता अछि हमरा सभ लेल जे मैथिली फिल्म'क सम्मुन्नत भविष्य लेल की रणनीति तैयार हेबाक चाही...जं एही विन्दु पर सोचि आंगा बढ़ब त' निश्चित हम सभ मैथिली फिल्म'क हीरक जयन्ती (60 साल : 2022) गौरव बोध संग मना सकब.. — किसलय कृष्ण
(लेखक मूलतः सहरसा जिलाक छथि. ई मैथिलीक प्रसिद्ध फिल्म एंड मीडिया एक्टिविस्ट त' छथिए, संगहि गीतकार ओ निर्देशक सेहो छथि. हिनक लिखल मैथिली सिनेमाक इतिहास पोथी शीघ्र प्रकाशित होयत.)