कलकत्ता. भारतीय भाषा परिषद् मे मिथिला विकास परिषद् द्वारा आयोजित ओ अंजय चौधरी द्वारा संयोजित साहित्यिक अनुष्ठान मे रविदिन 23
सितम्बर २०१२ कें देखल गेल जे मैथिली कविता आब मात्र पत्र-पत्रिकाक पृष्ठ
पर नहि मंच पर सेहो अपन स्थान मंगैत अछि. आयोजित कार्यक्रम केर तेसर सत्र
मे समय अभाव केर बहन्ना क' कतेको वरिष्ठ कवि कें प्रस्तुति करय सं वंचित
कयल गेल, जखन कि प्रेक्षागृह केर खचाखच भरल दर्शक कविता सुनबा मे बेस रूचि
देखा रहल छल. साहित्यिक आयोजन मे दर्शक आ साहित्यिक पत्रिका केर पाठक
डिबिया सं तकने भेटब मोसकिल अछि....एहन सन बात आब फूसि भ' गेल. कल्हुका
कार्यक्रम केर अपार सफलता जतय मैथिल समाज कें आलोकित कयलक, ओतहि पाहून
रूपें उपस्थित आन समाजक लोक अचंभित छलाह. बहुत
बुद्धिमता सं आयोजक लोकनि समयाभावक कारणें नव ओ युवा कवि लोकनि कें
काव्य-पाठ लेल आमंत्रित करैत पनरह गोट कवि मे सं 8 गोटे काव्य-पाठ क' सकलाह. परिषदक ई डेग एक नव आयाम गढ़लक अछि.
काव्य पाठ करय जखने विवेक कुमार झा मंच पर अयलाह दर्शक लोकनि करतल ध्वनि सं स्वागत केलनि. विवेक केर प्रस्तुति बेस नीक आ उत्साही रहल. तत्पश्चात चन्दन कुमार झा गजल ल' एलाह त' दर्शक बेर रुचि सं सुनैत दस पांति केर गजल पर लगभग बीसो बेर करतल ध्वनि सं हुनक उत्साह बढौलक. चन्दन जी केर प्रस्तुति सिद्ध कयलक जे मैथिली मंच मंगइए. दर्शक सुनय चाहैए. रचना मे दम हो आ प्रस्तुति ढंग सं कयल जाय त' गेय कविता वा गजल मंच पर कमाल क' सकैए. एकर संगहि राजीव रंजन मिश्र केर ओजस्वी गजल आ प्रस्तुति सेहो दर्शकक बेस ताली बटोरलक. भास्करानंद झा 'भास्कर' केर 'फेसबुकिया पति' कविताक प्रस्तुति बेस रुचिगर छल. ओना फेसबुकिया पति' वेब पर पहिने सं प्रशंसा बटोरने अछि. रूपेश कुमार झा 'त्योंथ' सेहो अपन सहज अंदाज मे 'जे तकै छी' कविता केर पाठ केलनि. विजय इस्सर अपन सुमधुर आवाज मे कविता प्रस्तुत केलनि. वरिष्ठ कवि लक्ष्मण झा 'सागर' डेंगू पर आधारित कविता पढलनि. विषय टटका आ चर्चित रहने लोक कान पाथि क' सुनलनि. अंत मे सत्र केर अध्यक्ष विद्यानंद झा कविता पाठ क' सत्रक समापनक घोषणा केलनि.
काव्य पाठ करय जखने विवेक कुमार झा मंच पर अयलाह दर्शक लोकनि करतल ध्वनि सं स्वागत केलनि. विवेक केर प्रस्तुति बेस नीक आ उत्साही रहल. तत्पश्चात चन्दन कुमार झा गजल ल' एलाह त' दर्शक बेर रुचि सं सुनैत दस पांति केर गजल पर लगभग बीसो बेर करतल ध्वनि सं हुनक उत्साह बढौलक. चन्दन जी केर प्रस्तुति सिद्ध कयलक जे मैथिली मंच मंगइए. दर्शक सुनय चाहैए. रचना मे दम हो आ प्रस्तुति ढंग सं कयल जाय त' गेय कविता वा गजल मंच पर कमाल क' सकैए. एकर संगहि राजीव रंजन मिश्र केर ओजस्वी गजल आ प्रस्तुति सेहो दर्शकक बेस ताली बटोरलक. भास्करानंद झा 'भास्कर' केर 'फेसबुकिया पति' कविताक प्रस्तुति बेस रुचिगर छल. ओना फेसबुकिया पति' वेब पर पहिने सं प्रशंसा बटोरने अछि. रूपेश कुमार झा 'त्योंथ' सेहो अपन सहज अंदाज मे 'जे तकै छी' कविता केर पाठ केलनि. विजय इस्सर अपन सुमधुर आवाज मे कविता प्रस्तुत केलनि. वरिष्ठ कवि लक्ष्मण झा 'सागर' डेंगू पर आधारित कविता पढलनि. विषय टटका आ चर्चित रहने लोक कान पाथि क' सुनलनि. अंत मे सत्र केर अध्यक्ष विद्यानंद झा कविता पाठ क' सत्रक समापनक घोषणा केलनि.
एहि
कार्यक्रम मे एतेक त' स्पष्टे भेल जे कविता वा गजल दर्शक/श्रोता केर रूचि
केर विषय अछि. एकरा नीरस कहि मंच सं दूर कोठली वा किताब मे बन्न नहि करबाक
चाही. संभावना छैक, पहिने डेग त' बढ़इक.
(Report: मिथिमीडिया ब्यूरो)