प्रसिद्ध मैथिल एक्टिविस्ट ओ मिथिला विकास परिषद् केर अध्यक्ष अशोक झा सं मिथिला महोत्सव २०१२ कें ल' मिथिमीडिया सं भेल बातचीत केर अंश:
मिथिला महोत्सव केर आयोजन आ ओहि मे गीतगाइन प्रतियोगिता सन निस्सन डेग केर आइडिया पर इजोत दी?
१९८३ सं हम मिथिलाक युवा वर्गक समर्थन आ संवर्द्धन हेतु तत्पर छी. एम्हर बिहार दिवस केर बाढ़ि आयल अछि. कोलकाता मे सेहो आयोजित भेल छल. एकर आयोजनक नाम पर कोनदन भाषा मे किदन परोसल जाइत अछि. बिहार सरकारक संगहि एहन सन आयोजन मे मैथिली ओ मिथिला बारल रहैत अछि. एहि हेतु हम मिथिला महोत्सव क' एक उदहारण रखबाक चेष्टा कयल. मिथिला-मैथिली हेतु सजगता हेतु सेहो ई काज आबी सकैत अछि. एहन आयोजन सभतरि होयबाक चाही. हम कोनो भाषा केर विरोध नहि करैत छी, मैथिली केर प्रचार करैत छी.
पछिला साल सरस्वती पूजा केर अवसर पर जयपुर गेल छलहुं. ओतय प्रवासी मैथिल लोकनि कें रेल यात्रा सुगम करबाक हेतु किछु काज ओ विमर्श करबाक हेतु गेल छलहुं. ओतहि पुष्पा-नूतन गायिका जोड़ीक पुष्पा भेट भेलीह. हुनका सं गप्प केर क्रम मे ई चर्च उठल आ सैह एहि गीतगाइन प्रतियोगिता केर प्रेरणा बनल.
मिथिला-मैथिली सरोकारक संग मिविप मिथिलानी कें जोड़बाक हेतु सचेष्ट अछि. एहि मे कतेक आ केहन संभावना छैक?
मिथिलानी मैथिल संस्कार केर वाहिका छथि. संसार माय सं परिचित अछि. पुरुष केर सट्ठा केर बात नहि अछि. सांस्कृतिक चेतना हेतु मिथिलानी महत्वपूर्ण छथि. (टोकला पर) एहि पर हम कोनो तर्क नहि चाहैत छी.
मिथिला महोत्सवक तेसर दिनक आयोजन साहित्य पर अछि. एहि विषय मे कही?
साहित्य ओ सांस्कृतिक आन्दोलन समाज कें विकेंद्रीकरण सं रोकैत अछि. सभ कहैत छथि जे किछु रचनात्मक काज करू. मुदा रचनात्मकता कें सेहो रंग केर आवश्यकता होइत छैक आ से साहित्य-संस्कृति सं अबैत छैक. एम्हर कोलकाता केर क्रियाकलाप मे गैप आयल छल. मुदा फेर कोलकाता जागल अछि. २३ सितम्बर कें भारतीय भाषा परिषद् मे होमयवला साहित्यिक कार्यक्रम एक नव दिशा देत. एहि मे कवि गोष्ठी संगहि विचार गोष्ठी आ सांगीतिक कार्यक्रम सेहो अछि.
अपने मिथिलाक साहित्यिक, सामाजिक ओ राजनीतिक रूपें सदति सक्रिय छी. आजुक युवा हेतु किछु सनेस?
युवा सभ भाषा पढ़थि. दुनिया केर सभ संस्कृति आ समाज सं सीखथि. शिक्षा ओ जीविका हेतु सजग रहथि आ जडि सं जुडल रहथि. संगहि अपन भाषा-संस्कृति केर संवर्द्धन लेल तत्पर रहथि.
मिथिला राज्यक मांग हेतु अपने मधुबनी-दडिभंगा सं ल' दिल्ली धरि दौगै छी. एहि आंदोलनक वर्तमान ओ भविष्य केहन देखैत छी?
मिथिला मे मात्र साहित्यिक आन्दोलन भेल अछि, जे सफल रहल. मैथिली केर वर्तमान स्थिति संतोषजनक अछि. मुदा मिथिला राज्य लेल कोनो आन्दोलन नहि भेल अछि आ ने भ' रहल अछि. जाहि तरहें एहन धरना आ सभा भ' रहल अछि ओकर परिणाम किछु ने. विखंडित भेल अछि सभ. एक मंच केर खगता अछि मुदा सभ अपन अपन राग अलापि रहल छथि. ई मांग एकदम सुप्पत अछि मुदा परिणाम लेल इमानदार प्रयास होयबाक चाही.
मिथिला महोत्सव केर आयोजन आ ओहि मे गीतगाइन प्रतियोगिता सन निस्सन डेग केर आइडिया पर इजोत दी?
१९८३ सं हम मिथिलाक युवा वर्गक समर्थन आ संवर्द्धन हेतु तत्पर छी. एम्हर बिहार दिवस केर बाढ़ि आयल अछि. कोलकाता मे सेहो आयोजित भेल छल. एकर आयोजनक नाम पर कोनदन भाषा मे किदन परोसल जाइत अछि. बिहार सरकारक संगहि एहन सन आयोजन मे मैथिली ओ मिथिला बारल रहैत अछि. एहि हेतु हम मिथिला महोत्सव क' एक उदहारण रखबाक चेष्टा कयल. मिथिला-मैथिली हेतु सजगता हेतु सेहो ई काज आबी सकैत अछि. एहन आयोजन सभतरि होयबाक चाही. हम कोनो भाषा केर विरोध नहि करैत छी, मैथिली केर प्रचार करैत छी.
पछिला साल सरस्वती पूजा केर अवसर पर जयपुर गेल छलहुं. ओतय प्रवासी मैथिल लोकनि कें रेल यात्रा सुगम करबाक हेतु किछु काज ओ विमर्श करबाक हेतु गेल छलहुं. ओतहि पुष्पा-नूतन गायिका जोड़ीक पुष्पा भेट भेलीह. हुनका सं गप्प केर क्रम मे ई चर्च उठल आ सैह एहि गीतगाइन प्रतियोगिता केर प्रेरणा बनल.
मिथिला-मैथिली सरोकारक संग मिविप मिथिलानी कें जोड़बाक हेतु सचेष्ट अछि. एहि मे कतेक आ केहन संभावना छैक?
मिथिलानी मैथिल संस्कार केर वाहिका छथि. संसार माय सं परिचित अछि. पुरुष केर सट्ठा केर बात नहि अछि. सांस्कृतिक चेतना हेतु मिथिलानी महत्वपूर्ण छथि. (टोकला पर) एहि पर हम कोनो तर्क नहि चाहैत छी.
मिथिला महोत्सवक तेसर दिनक आयोजन साहित्य पर अछि. एहि विषय मे कही?
साहित्य ओ सांस्कृतिक आन्दोलन समाज कें विकेंद्रीकरण सं रोकैत अछि. सभ कहैत छथि जे किछु रचनात्मक काज करू. मुदा रचनात्मकता कें सेहो रंग केर आवश्यकता होइत छैक आ से साहित्य-संस्कृति सं अबैत छैक. एम्हर कोलकाता केर क्रियाकलाप मे गैप आयल छल. मुदा फेर कोलकाता जागल अछि. २३ सितम्बर कें भारतीय भाषा परिषद् मे होमयवला साहित्यिक कार्यक्रम एक नव दिशा देत. एहि मे कवि गोष्ठी संगहि विचार गोष्ठी आ सांगीतिक कार्यक्रम सेहो अछि.
अपने मिथिलाक साहित्यिक, सामाजिक ओ राजनीतिक रूपें सदति सक्रिय छी. आजुक युवा हेतु किछु सनेस?
युवा सभ भाषा पढ़थि. दुनिया केर सभ संस्कृति आ समाज सं सीखथि. शिक्षा ओ जीविका हेतु सजग रहथि आ जडि सं जुडल रहथि. संगहि अपन भाषा-संस्कृति केर संवर्द्धन लेल तत्पर रहथि.
मिथिला राज्यक मांग हेतु अपने मधुबनी-दडिभंगा सं ल' दिल्ली धरि दौगै छी. एहि आंदोलनक वर्तमान ओ भविष्य केहन देखैत छी?
मिथिला मे मात्र साहित्यिक आन्दोलन भेल अछि, जे सफल रहल. मैथिली केर वर्तमान स्थिति संतोषजनक अछि. मुदा मिथिला राज्य लेल कोनो आन्दोलन नहि भेल अछि आ ने भ' रहल अछि. जाहि तरहें एहन धरना आ सभा भ' रहल अछि ओकर परिणाम किछु ने. विखंडित भेल अछि सभ. एक मंच केर खगता अछि मुदा सभ अपन अपन राग अलापि रहल छथि. ई मांग एकदम सुप्पत अछि मुदा परिणाम लेल इमानदार प्रयास होयबाक चाही.